म्युचुअल फंड

Gold ETFs पर निवेशक लट्टू, इनफ्लो 578% बढ़ा; सितंबर में झोंके ₹8,363 करोड़

पांच साल के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के आधार पर, नेट इनफ्लो में 70% की वृद्धि हुई है। सितंबर 2020 में यह 597.26 करोड़ रुपये था

Published by
अंशु   
Last Updated- October 16, 2025 | 6:03 PM IST

सोने की कीमतों में जारी तेजी से गोल्ड ईटीएफ की चमक बढ़ गई है। ICRA एनालिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETFs) में निवेश छह गुना से ज्यादा बढ़कर 8,363 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि यानी सितंबर 2024 में यह 1,232 करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो 578 फीसदी बढ़ा है। इनफ्लो ट्रेड बताता है कि इस धनतेरस निवेशक फिजिकल गोल्ड की जगह गोल्ड ईटीएफ पर दांव लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

5 साल में Gold ETFs में इनफ्लो 70% बढ़ा

पांच साल के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के आधार पर, नेट इनफ्लो में 70% की वृद्धि हुई है। सितंबर 2020 में यह 597.26 करोड़ रुपये था। यह ट्रेंड बताता है कि निवेशकों के बीच पेपर और डिजिटल गोल्ड की लोकप्रियता बढ़ी है।

मासिक आधार पर नेट इनफ्लो में लगभग 281.96% की बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगस्त 2025 में गोल्ड ईटीएफ में 2,189.51 करोड़ रुपये का निवेश आया था।

Also Read: संवत 2082 में म्युचुअल फंड निवेशक क्या करें? निवेश जारी रखें या बना लें दूरी 

Gold ETFs का नेट AUM 126.34% बढ़ा

गोल्ड ईटीएफ का नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (Net AUM) सितंबर 2025 में 126.34% बढ़कर 90,135.98 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 39,823.50 करोड़ रुपये था।

मासिक आधार पर भी गोल्ड ईटीएफ के नेट एयूएम में 24.33% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो अगस्त 2025 में 72,495.60 करोड़ रुपये था।

Gold ETFs पर क्यों लट्टू हो रहे निवेशक?

ICRA एनालिटिक्स के मुताबिक, सोने की कीमतों में तेजी के पीछे वैश्विक और घरेलू दोनों कारकों का योगदान है। घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें प्रति 10 ग्राम के लिए ₹1 लाख को पार कर चुकी हैं। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक की खरीद, भू-राजनैतिक तनाव, और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें जैसे वैश्विक कारकों ने सोने को सुरक्षित निवेश (safe-haven asset) के रूप में पसंदीदा बना दिया है।

विशेष रूप से गोल्ड ईटीएफ को तरजीह दी जा रही है क्योंकि ये तरलता, किफायती लागत, पारदर्शिता और ट्रेडिंग में आसानी प्रदान करते हैं, जबकि फिजिकल सोने में स्टोरेज और शुद्धता संबंधी चिंताएं होती हैं।

ICRA एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड मार्केट डेटा, अश्विनी कुमार ने कहा, “दुनिया में बढ़ते तनाव और अनिश्चित माहौल के कारण लोग अब सोने को एक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। निवेशक गोल्ड ईटीएफ को उनकी तरलता (लिक्विडिटी), पारदर्शिता, कम लागत और ट्रेडिंग की आसान प्रक्रिया के कारण पसंद करते हैं।”

कुमार का कहना है कि अगर निवेशक दिवाली के बाद जैसी छोटी गिरावट (करेक्शन) के समय निवेश शुरू करें, तो उन्हें धीरे-धीरे (किस्तों में) निवेश करने के अच्छे मौके मिल सकते हैं।

Also Read: 2001 से 2025 तक सोना-चांदी कैसे बढ़े साथ-साथ, जानें आगे का आउटलुक और पूरी रिपोर्ट

5 साल के CAGR के आधार पर टॉप-5 गोल्ड ईटीएफ

भारत में फिलहाल 22 गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध हैं, जिनमें से चार 2025 में लॉन्च किए गए हैं। 30 सितंबर तक इन फंड्स की औसत रिटर्न एक साल में 50.97 फीसदी, तीन साल में 30.36 फीसदी और पांच वर्ष में 16.93 फीसदा रही।

Fund Returns (%)
LIC MF Gold ETF 17.23
Quantum Gold Fund – Growth 17.09
Invesco India Gold ETF 17.00
Axis Gold ETF 16.97
ICICI Prudential Gold ETF 16.95

Source: MFI 360 Explorer

ICRA एनालिटिक्स का अनुमान है कि गोल्ड ईटीएफ की मजबूत मांग त्योहारी सीजन में भी जारी रहेगी। इसका कारण है कम ब्याज दरें और वैश्विक अनिश्चितताएं। हालांकि, इक्रा ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि ऊंचे मूल्यांकन (हाई वैल्यूएशन) के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) देखने को मिल सकता है।

First Published : October 16, 2025 | 5:58 PM IST