घरेलू म्युचुअल फंडों ने इटर्नल (पूर्व में ज़ोमैटो) पर अपना दांव बढ़ा दिया है और अगस्त में 7,200 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह तब किया जब शेयर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और उसका बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया। पिछले छह महीनों में इटर्नल के शेयरों में 60 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है, जिसकी वजह मजबूत राजस्व वृद्धि और ब्लिंकिट के क्विक कॉमर्स बिजनेस द्वारा उसके पारंपरिक फ़ूड डिलिवरी सेगमेंट को पीछे छोड़ना है। विश्लेषक म्युचुअल फंडों की इस खरीदारी का श्रेय इटर्नल की स्पष्ट वृद्धि संभावना और फ़ूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स दोनों में उसकी अग्रणी स्थिति को देते हैं।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के अनुसार इन्फोसिस (5,000 करोड़ रुपये) और एचडीएफसी बैंक (3,100 करोड़ रुपये) भी फंड मैनेजरों की पसंदीदा कंपनियों में शामिल थे। आईटी क्षेत्र में एआई-चालित उथल-पुथल को लेकर अनिश्चितता के बावजूद म्युचुअल फंडों ने इन्फोसिस के औसत से कम मूल्यांकन और कमजोर रुपये से मिलने वाले संभावित लाभ को आकर्षक खरीद के रूप में देखा।
दूसरी ओर, संस्थागत निवेशकों ने मारुति सुजूकी में मुनाफावसूली की और जीएसटी कटौती के बाद सेक्टर के आशावाद के चलते उसके 3,100 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। फंड मैनेजरों ने खासी तेजी के बाद भी मारुति में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी है जबकि उसके दीर्घकालिक भविष्य को लेकर सकारात्मक रुख बनाए रखा है।
एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डी-मार्ट) और एनटीपीसी में भी म्युचुअल फंडों ने अपनी हिस्सेदारी कम की। विश्लेषकों का कहना है कि डी-मार्ट की हिस्सेदारी में कटौती घटते मार्जिन और आय में गिरावट की चिंताओं के कारण हुई जिसकी वजह क्विक-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा रही। एनटीपीसी के मामले में राजस्व वृद्धि में नरमी और क्षेत्र के लिए निराशाजनक परिदृश्य के कारण उन्होंने सतर्कता अपनाई।