facebookmetapixel
अमेरिकी सरकार का शटडाउन: वीजा और प्रवासन आवेदकों पर असरअगली पॉलिसी में RBI सस्ता कर सकता है कर्ज! एनॉलिस्ट का अनुमान- आगे 25-75 bps घट सकती हैं ब्याज दरेंGST रेट कट का दिखा असर, सितंबर में कलेक्शन 9% बढ़कर ₹1.89 लाख करोड़ के पार निकलाRabi Crops MSP Hike: किसानों को दिवाली तोहफा! सरकार ने रबी फसलों की MSP बढ़ाई, गेहूं पर ₹160/ क्विंटल का इजाफासाल दर साल 27% गिरी टेक हायरिंग, भारत में IT और इंजीनियरिंग नौकरियों की मांग धीमीCabinet Decisions: दलहन आत्म​निर्भरता मिशन को मंजूरी, ₹11,400 करोड़ खर्च से 2 करोड़ किसानों को होगा लाभUPI ट्रांजेक्शन पर कोई फीस नहीं, EMI चूकने पर फोन डिजिटल तरीके से हो सकता है लॉक!DA hike: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिवाली गिफ्ट! सरकार ने 3% बढ़ाया महंगाई भत्ताLG Electronics India IPO: 7 अक्टूबर से खुलेगा आईपीओ, प्राइस बैंड ₹1080-₹1140; ग्रे मार्केट में अभी से हलचलदेश में अरबपतियों की संख्या बढ़कर हुई 358, अंबानी और अदाणी का दबदबा जारी

मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP निवेश रहा फायदेमंद, 50% से ज्यादा योजनाओं ने दिए 5% से अधिक रिटर्न

यह इस वजह से संभव हो सका कि क्योंकि उठापटक वाले दौर में औसत लागत (एवरेजिंग) का लाभ मिला है।

Last Updated- August 06, 2025 | 11:01 PM IST
SIP

इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं के सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ने पिछले एक वर्ष की अवधि में अच्छा रिटर्न दिया है। यह इस वजह से संभव हो सका कि क्योंकि उठापटक वाले दौर में औसत लागत (एवरेजिंग) का लाभ मिला है।

वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार प्रमुख एक्टिव इक्विटी श्रेणियों की 50 फीसदी से अधिक योजनाओं ने एक वर्ष की अवधि में एसआईपी निवेशकों को 5 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया। पिछले एक साल में भारी उठापटक के बाद शेयर बाजार फिलहाल अगस्त 2024 के स्तर के करीब ही है। निफ्टी 50 सूचकांक एक साल की अवधि (4 अगस्त तक) में लगभग स्थिर रहा जबकि एनएसई 500 सूचकांक 1.7 फीसदी गिरावट पर था। ज्यादातर एक्टिव इक्विटी योजनाओं में एकमुश्त निवेश से ज्यादा रिटर्न नहीं मिला है।

फ्लेक्सीकैप श्रेणी में एकमुश्त निवेश पर एक वर्ष का औसत रिटर्न फिलहाल 4.3 फीसदी है। इसी अवधि में फ्लेक्सीकैप एसआईपी का औसत रिटर्न लगभग 6 फीसदी है। फिजडम के शोध प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, ‘बीते एक साल में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। निफ्टी 50 में उठापटक 4,500 अंक के दायरे में रही। इसने निवेशकों के लिए सही समय पर चुनिंदा निवेश करने और फंड मैनेजरों के लिए बेहतर निवेश के अवसर पैदा किए। एसआईपी निवेशकों को रुपये की कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिला।’

Also Read: RBI MPC MEET: रिजर्व बैंक ने रीपो रेट में नहीं किया बदलाव, महंगाई का अनुमान घटाया

एसआईपी का बेहतर प्रदर्शन खुदरा निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है क्योंकि ज्यादातर खुदरा निवेशकों ने सितंबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान बाजार में गिरावट के बावजूद अपना मासिक योगदान जारी रखा। मासिक एसआईपी निवेश गिरावट के दौर में भी लगभग 26,000 करोड़ रुपये के आसपास बना रहा। पिछले तीन महीनों में यह नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हालांकि निवेश की रफ्तार तो बनी रही मगर एसआईपी खाते बंद होने की दर भी बढ़ गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि एसआईपी इक्विटी फंड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका है, खास तौर पर बाजार में उठापटक को देखते हुए। विशेषज्ञ रुपये में कॉस्ट एवरेजिंग और निरंतर निवेश जैसे फायदों का हवाला देते हैं।

Also Read:  ऋण और जमा संतुलन का समाधान वास्तविक अर्थव्यवस्था में, मिंट स्ट्रीट पर नहीं

इन्वेस्को इंडिया म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर (इक्विटी) आदित्य खेमानी ने कहा, ‘जिन निवेशकों ने नियमित रूप से निवेश करने के लिए एसआईपी का रास्ता अपनाया, उन्हें अच्छा रिटर्न मिला। हालांकि अल्पावधि में रिटर्न का अनुमान लगाना मुश्किल है मगर लंबी अवधि के नजरिये से किए गए एसआईपी निवेश से बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।’

हालांकि एसआईपी ने अच्छा रिटर्न दिया है लेकिन योजना का चयन निवेशकों के रिटर्न का मुख्य निर्धारक था। आंकड़ों से पता चलता है कि फ्लेक्सीकैप, लार्जकैप, स्मॉलकैप, लार्ज एवं मिडकैप, मिडकैप, मल्टीकैप, फोकस्ड और ईएलएसएस श्रेणियों की 250 योजनाओं में से 26 ने 10 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। इसी दौरान इन श्रेणियों में 20 से ज्यादा ऐसी योजनाएं रहीं जिनका एक साल का रिटर्न ऋणात्मक रहा।

First Published - August 6, 2025 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट