कमजोर वैश्विक संकेतों को दरकिनार करते हुए बैंकिंग शेयरों में बढ़त के दम पर बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छठे दिन बढ़त दर्ज करते हुए करीब चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। सेंसेक्स 187 अंक यानी 0.24 फीसदी की बढ़त के साथ 79,596 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स 42 अंक यानी 0.2 फीसदी के इजाफे के साथ 24,167 पर टिका। 2 जनवरी के बाद से दोनों इंडेक्स का यह सबसे ऊंचा बंद स्तर है। पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 8 फीसदी की उछाल आई है। इस बीच, बैंक निफ्टी 0.6 फीसदी की बढ़त के साथ 55,647 पर दूसरे दिन नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। पिछले छह सत्रों में बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन की माप करने वाला इंडेक्स 11 फीसदी बढ़ा है।
यह तेजी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को ऋणदाताओं को डिजिटल रूप से जुड़ी जमाराशियों पर प्रस्तावित बफर रेट से कम 2.5 फीसदी निर्धारित करने तथा गैर-वित्तीय संस्थाओं से बैंकों में थोक जमाराशियों पर ‘रन-ऑफ’ फैक्टर को कम करने का निर्देश दिए जाने के बाद आई है। आईआईएफएल कैपिटल ने अनुमान लगाया है कि इन उपायों से बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन में 1 आधार अंक से 18 आधार अंक तक की वृद्धि हो सकती है और शुद्ध लाभ में करीब 1 से 4 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने लगातार तीसरे सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की जिनका बाजार मूल्य 15 लाख करोड़ रुपये और 10 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा। कोटक महिंद्रा बैंक ने भी 1.2 फीसदी की बढ़त के साथ सर्वकालिक उच्चस्तर को छुआ।
मंगलवार को अधिकांश वैश्विक बाजारों में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल पर ताजा हमलों ने व्यापार युद्ध की चिंताओं से पहले से ही हिचकोले खा रहे बाजारों पर और दबाव बढ़ा दिया। डॉलर इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया जबकि सोने की कीमतें 3,500 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गईं।
अमेरिका से राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पाने वाली सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई और डॉलर की कमजोरी के कारण निफ्टी आईटी सूचकांक में 0.6 फीसदी की कमजोरी दर्ज हुई। उधर, मिड और स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमश: 0.7 फीसदी व 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ।
अन्य शेयरों की बात करें तो उपभोक्ता कंपनियों हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी में 2 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई क्योंकि यूबीएस ने मजबूत वित्त वर्ष 2026 की विकास संभावनाओं के आधार पर शेयरों को तटस्थ से खरीदें में अपग्रेड कर दिया।