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बाजार हलचल: 12,000 करोड़ रुपये के आईपीओ से बाजार की परीक्षा 

बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि ये आईपीओ नुकसान उठाने वाली और नई पीढ़ी की कंपनियों के लिए निवेशकों की इच्छा की कसौटी होंगे।

Last Updated- August 04, 2024 | 9:56 PM IST
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यह हफ्ता प्राथमिक बाजारों के लिए अहम होगा क्योंकि चार आईपीओ के जरिये करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ से 6,145 करोड़ रुपये जुटा रही है जबकि फर्स्ट क्राई 4,194 करोड़ रुपये, सीगल इंडिया 1,253 करोड़ रुपये और यूनिकॉमर्स ईसॉल्यूशंस 277 करोड़ रुपये जुटाएगी।

बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि ये आईपीओ नुकसान उठाने वाली और नई पीढ़ी की कंपनियों के लिए निवेशकों की इच्छा की कसौटी होंगे। इसके साथ ही यह हफ्ता भारतीय स्टार्टअप को मदद देने वाले सॉफ्टबैंक के लिए भी अहम होगा जिसके पास ओला, फर्स्टक्राई और यूनिकॉमर्स की हिस्सेदारी है और इसकी कीमत करीब 1.5 अरब डॉलर है। ग्रे मार्केट चारों आईपीओ के मजबूत प्रदर्शन का संकेत दे  रहा है और इन पर प्रीमियम 15 से 30 फीसदी के बीच है।

डेरिवेटिव के नए नियमों ने वित्तीय आधार को झटका दिया

डेरिवेटिव ट्रेडिंग के नियमों को सख्त बनाने के बाजार नियामक सेबी के प्रस्ताव का शेयर बाजारों पर गहरा असर पड़ने की आशंका है और इससे वॉल्यूम, राजस्व और लाभप्रदता में गिरावट का अनुमान है। उद्योग के प्रतिभागियों के अनुसार बाजार की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक तरीके से नरम  रही है और घोषणा के बाद से बीएसई का शेयर 6 फीसदी चढ़ा है जबकि असूचीबद्ध बाजार में एनएसई के शेयरों में महज 5 फीसदी की गिरावट आई है।

इस तरह की सुस्त प्रतिक्रिया विश्लेषकों के उस अनुमान के उलट है, जिसमें उन्होंने बीएसई व एनएसई की 2025-26 की आय पर 20 से 30 फीसदी के असर की संभावना जताई है। बीएसई और एनएसई का शेयर पहले ही अपने सर्वोच्च स्तर से इस साल करीब 25 फीसदी टूट चुके हैं। इससे संकेत मिलता है कि बाजार को सख्त नियमों की संभावना का पहले ही अंदाज हो गया हो और अब वह वास्तविक क्रियान्वयन का इंतजार कर रहा है।

बाजारों की तेजी के बीच एक्सचेंजों ने विरासत को दिया नया आकार

बाजारों में तेजी जारी है। तेज​​डि़ये सुर्खियों में हैं। जून के दूसरे पखवाड़े में बीएसई ने मुंबई के दलाल पथ पर अपने मुख्यालय के बाहर सांड़ की नई आकृति लगाई है। एक्सचेंज ने वह पुरानी आकृति हटा दी है जहां आने वाले लोग अक्सर फोटो खिंचवाते रहे हैं। प्रतिस्पर्धी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज भी सांड़ की नई आकृति का अनावरण करने जा रहा है। यह अभी ढंकी हुई है। लेकिन काम पूरा हो चुका है।

एक्सचेंज परिसर के हालिया दौरे में पता चला कि बाजार की तेजी के व्यापक फायदे का संकेत देने वाली एक भारतीय परिवार और एक किसान को चित्रित करती अतिरिक्त मूर्तियां भी लगाई जाएंगी। हालांकि तेजी की भावनाओं का स्वागत है, लेकिन तब कोई मदद नहीं कर पाएगा बल्कि ताज्जुब करेगा जब सांड़ों की तेजी पस्त पड़ जाएगी।

First Published - August 4, 2024 | 9:56 PM IST

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