Market Outlook: इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल कई अहम फैक्टरों पर निर्भर करेगी। इनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर होने वाला फैसला, एफआईआई की निवेश गतिविधियां, कंपनियों के तिमाही नतीजे और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव प्रमुख हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि इन सभी घटनाक्रमों का असर निवेशकों की भावनाओं पर पड़ेगा। साथ ही, सेवा क्षेत्र से जुड़े एचएसबीसी पीएमआई आंकड़ों पर भी बाजार की नजर बनी रहेगी।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, “इस हफ्ते फेड का ब्याज दरों पर फैसला, भारत-पाक तनाव और वैश्विक व्यापार से जुड़े अपडेट्स बाजार की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा एचएसबीसी कंपोजिट और सेवा पीएमआई आंकड़े भी अहम रहेंगे।”
इस सप्ताह महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोल इंडिया, एशियन पेंट्स, एलएंडटी और टाइटन जैसी दिग्गज कंपनियां अपने तिमाही नतीजे पेश करेंगी।
इससे शेयर-विशिष्ट गतिविधियां बढ़ेंगी।
सेंसेक्स 1,289 अंक या 1.62% चढ़कर बंद हुआ।
निफ्टी में 307 अंक या 1.27% की तेजी रही।
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा कि भारत-पाक सीमा पर तनाव और अमेरिका में मंदी की आशंका से निवेशक सतर्क हो सकते हैं। हालांकि फिलहाल बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
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पिछले 12 कारोबारी सत्रों में एफआईआई लगातार खरीदार रहे हैं।
इसकी दो प्रमुख वजहें हैं —
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जवाबी शुल्क पर 90 दिन की रोक।
डॉलर की कमजोरी, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश बढ़ा।
जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय स्टेट बैंक का शुद्ध लाभ 8.34% गिरकर 19,600 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 21,384 करोड़ रुपये था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि बाजार सीमित दायरे में रह सकता है, लेकिन रुख सकारात्मक रहेगा। भू-राजनीतिक तनाव की वजह से उतार-चढ़ाव भी आ सकता है।