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रिकवरी की उम्मीद से बेहतर हो रहा बाजार

Last Updated- December 12, 2022 | 3:37 AM IST

बाजार में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात इस उम्मीद में काफी ज्यादा सकारात्मक हो गया है कि कोविड-19 संक्रमण के घटते मामलों से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। मई में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात जून 2020 का सबसे अच्छा अनुपात (3.8) रहा। इस महीने अब तक यह अनुपात तीन फीसदी से ऊपर बना हुआ है। सामान्य शब्दों में हर गिरने वाले शेयरों के मुकाबले चार शेयर मई में चढ़े जबकि इस महीने तीन शेयर।
चढऩे-गिरने वाले शेयरों का अनुपात बाजार का लोकप्रिय संकेतक है और यह अनुपात दो से ज्यादा रहने से काफी तेजी का संकेत मिलता है। जून 2020 में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 4.3 फीसदी था क्योंकि वैश्विक केंद्रीय बैंकों की तरफ से आक्रामक मौद्रिक सहजता ने इक्विटी बाजार में अप्रत्याशित तेजी को हवा दी थी।
मार्च में यह अनुपात घटकर 0.7 से नीचे चला गया था क्योंंकि कोरोना की मारक दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था में सुधार पटरी से उतरने का अंदेशा जता दिया था। मध्य अप्रैल से भारत में जोखिम वाली परिसंपत्तियों के लिए जोखिम लेने की क्षमता में तेजी से सुधार देखने को मिला क्योंकि कोविड के मामले घटे और टीकाकरण में तेजी आई। मार्च तिमाही में कंपनियों की आय ने भी सेंटिमेंट सुधारने में मदद की। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, वैश्विक आर्थिक सुधार ने हर परिसंपत्ति वर्ग में जोखिम लेने की क्षमता सृजित की है। जैसा कि हमने पिछले महीने देखा था, हम कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं। इसने निवेश के हालात में सुधार की अगुआई की है।
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि चढऩे व गिरने वाले शेयरों का ऊंचा अनुपात संकेत दे रहा है कि बाजार आत्मसंतुष्ट हो गया है। एक स्वतंत्र विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, निवेशकों ने नकारात्मक आर्थिक संकेतकों को दरकिनार करना शुरू कर दिया जब कोविड के मामले उच्चस्तर पर पहुंचने लगे। उच्च महंगाई और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी बाजार उदासीन रहा है।
चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात तीन से ज्यादा हो तो इससे संकेत मिलता है कि हर तरह से शेयरों में खरीदारी का रुझान है। विशेषज्ञोंं ने कहा कि स्मॉलकैप व माइक्रो-कैप में बुलबुला हो सकता है क्योंकि कई नई निवेशक फंडामेंटल समझे बिना उसमें निवेश कर रहे हैं।
मई से बेंचमार्क सेंसेक्स 7.6 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 14 फीसदी व निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 13 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। बालिगा ने कहा, खरीदारी का रुझान स्मॉल व मिडकैप में शिफ्ट हो गया है। तेजी के दौर में हम लार्ज कैप को सबसे पहले आगे बढ़ते देखते हैं, उसके बाद मिड व स्मॉलकैप में तेजी आती है। उसके बाद चवन्नी शेयरों की ओर निवेशक बढ़ते हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि बाजार में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मौजूदा स्तर पर शायद टिका नहीं रह सकता है। बुधवार को चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात घटकर 0.8 पर आ गया क्योंकि निवेशक अमेरिकी फेड की नीतिगत घोषणा से पहले सतर्क हो गए। बालिगा ने कहा, नकदी के कारण हम इस रुख के टिकते देख  रहे हैं, लेकिन अंतत: किसी तेजी को फंडामेंटल के सहारे की दरकार होती है। कोरोना की पिछली लहर के मुकाबले दूसरी लहर से ज्यादा क्षति हुई है और लोग तीसरी लहर को लेकर डरे हुए हैं। इन वजहों से अगली एक या दो तिमाहियों में बढ़त की रफ्तार सुस्त रहेगी, जिसे बाजार समाहित नहीं कर रहा है।
एवेंडस ऑल्टरनेट स्ट्रैटिजीज के सीईओ एंड्यू हॉलैंड ने कहा, बाजार में काफी ज्यादा आशावाद खुदरा पक्ष से है और संस्थागत का इसमें कम योगदान है।
फिर टूटे अदाणी के शेयर
अदाणी समूह के शेयरों में बुधवार को भी गिरावट दर्ज हुई। अदाणी पावर, अदाणी टोटाल गैस और अदाणी ट्रांसमिशन के शेयरों लगातार तीसरे दिन 5 फीसदी का लोअर सर्किट लगा। अदाणी पोट्र्स और अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में क्रमश: 7.2 फीसदी व 5.8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। इसके अलावा अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर सबसे कम 3.1 फीसदी फिसला। अग्रणी एफपीआई के खाते पर रोक की खबर के बाद इस हफ्ते समूह की छह कंपनियों के शेयर 4.5 फीसदी से लेकर 16 फीसदी तक टूट गए हैं, जिसके बारे में कंपनी, निवेशक और एनएसडीएल ने स्पष्ट किया है कि यह खबर सही नहीं है। अदाणी समूह ने इश खबर को निवेशक समुदाय को जानबूझकर गुमराह करने वाला बताया है। एनएसडीएल की वेबसाइट पर 31 मई को उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि अल्बुला इन्वेस्टमें फंड, क्रेस्टा फंड और एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड के खातों पर रोक है।

First Published - June 16, 2021 | 11:16 PM IST

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