facebookmetapixel
देशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोर

दिल्ली में एलपीजी के दाम (प्रति किलो में)

Last Updated- December 05, 2022 | 4:21 PM IST

दिल्ली में एलपीजी के दाम (प्रति किलो में)
घरेलू———20.91
कमर्शियल——–57.89
कालाबाजार——80.00


मांग और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगी आग, सरकारी अंकुश से कंपनिया बेहाल, लोग लाचार
…तो काली कमाई में क्यों न लगें चार चांद! 
घरेलू गैस की कालाबाजारी बन चुकी अब कड़वी हकीकत
रक्तिम काटाके
दिल्ली की तमाम संकरी गलियों में अगर आपको कभी सैर करने का मौका मिला होगा तो वहां ऐसे कई ठिकाने आपको भी नजर आए ही होंगे, जहां बड़ी तादाद में एलपीजी सिलेंडर की खरीद-फरोख्त धड़ल्ले से चलती रहती है। जाहिर है, घरेलू इस्तेमाल के लिए बेचे जाने वाले इन सिलेंडरों की कालाबाजारी के इस कदर फलने-फूलने का एक ही कारण है…, और वह मोटा मुनाफा। सरकार की रियायती दर से तकरीबन चार गुना ज्यादा की कीमत में बेचकर इनकी कालाबाजारी करने वाले दिन-दहाड़े सरकारी खजाने और आम लोगों के हक पर बेधड़क डाका डालते हैं।
कालाबाजारी के इस खेल के ही एक खिलाड़ी मनोज (बदला हुआ नाम) बेशर्मी से हंसते हुए कहते हैं- एलपीजी सिलेंडर के लिए आपको या तो दो हफ्ते का लंबा इंतजार करना पड़ेगा या फिर हमारी शरम में आना होगा। लोगों की इसी मजबूरी का असर है कि मनोज रोजाना 15 सिलेंडर बेच लेते हैं। मनोज ही नहीं, ऐसे तमाम कालाबाजारियों की किस्मत का सिक्का लोगों की इसी मजबूरी के चलते चल रहा है।
इस हालात की जड़ में जाते हुए अगर आर्थिक आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश में ईंधन की मांग हर साल सात फीसदी से ज्यादा की दर से बढ़ रही है। सरकार लोगों को एलपीजी 21 रुपए प्रति किलो की रियायती कीमत पर मुहैया करा रही है जबकि इसा खामियाजा तेल कंपनियों को 24 रुपए प्रति किलो के भारी नुकसान से उठाना पड़ रहा है। उनको होने वाले इस नुकसान की वजह है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसमान छूती कच्चे तेल की कीमत। इसके बावजूद सरकारी अंकुश के चलते तेल कंपनियां घरेलू गैस की कीमत जस की तस रखने के लिए मजबूर हैं।
सरकार का यह अंकुश और बढती मांग भले ही नुकसान की मार झेलती कंपनियों के लिए अभिशाप हो लेकिन कालाबाजारियों के लिए तो यह वरदान बन गया है। मनोज की ही तरह एक अन्य कालाबाजारी युवक कहता है- फिलहाल तो हम एक किलो के लिए 80 रुपए तक ले रहे हैं लेकिन ज्यादा मांगेंगे तो भी लोग देंगे। इस युवक की भी इस धंधे से काली कमाई कम नहीं है। हर किलो गैस पर वह 55-60 रुपए कमाता है। इस काली कमाई में चार चांद लग जाते हैं अगर इसी सिलेंडर का खरीदार कोई होटल हो। होटल वाले एक सिलेंडर के लिए 850 रुपए तक दे देते हैं।

First Published - February 26, 2008 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट