जून तिमाही में इन्फोसिस स्थिर मुद्रा (सीसी) आधार पर राजस्व में वृद्धि (1 प्रतिशत) दर्ज करने वाली एकमात्र लार्ज-कैप आईटी कंपनी है। यह राजस्व वृद्धि विश्लेषकों के अनुमान से अधिक रही, लेकिन कंपनी द्वारा अपनी वृद्धि के अनुमानों में भारी कटौती ने कई ब्रोकरों को चकित कर दिया है।
अपने वित्त वर्ष 2024 के राजस्व अनुमान में कटौती (1-3.5 प्रतिशत) के अनुरूप, ब्रोकरों ने कंपनी के लिए वित्त वर्ष 2024 के ईपीएस अनुमानों में 2-4 प्रतिशत के बीच कमी की है, हालांकि बाजार को अनुमानों में और ज्यादा कटौती की आशंका सता रही है। इन्फोसिस का शेयर शुक्रवार को 8 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया।
वैश्विक ब्रोकरों मैक्वेरी और नोमुरा ने इन्फोसिस की रेटिंग घटाकर ‘अंडरपरफॉर्म’ और ‘रिड्यूस’ कर दी है। नोमुरा ने कंपनी का शेयर भाव 1,260 रुपये से घटाकर 1,210 रुपये कर दिया है।
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नोमुरा ने कहा है, ‘आय अनुमानों में कमी डिस्क्रेशनरी मांग में कमजोरी और निर्णय लेने की सुस्त प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए की गई है।’
ऐंटीक ब्रोकिंग का मानना है कि आय अनुमान में कटौती से रेटिंग में कमी को बढ़ावा मिल सकता है, खासकर पिछले कुछ महीनों में इस शेयर में भारी तेजी को देखते हुए भी अब दबाव देखा जा सकता है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने इन्फोसिस पर अपनी ‘अंडरवेट’ रेटिंग बरकरार रखी है।
इस बीच, कीमत लक्ष्य में बड़ी कटौती फिलिपकैपिटल द्वारा की गई है। फिलिपकैपिटल ने इस शेयर के लिए कीमत लक्ष्य पिछले 1,580 रुपये से घटाकर 1,390 रुपये कर दिया है और ‘खरीदें’ से घटाकर इसे ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2024-वित्त वर्ष 2025 का ईपीएस अनुमान भी 4-6 प्रतिशत तक घटाया गया है।
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इसके अलावा, इन्फोसिस के बड़े सौदे पहली तिमाही में मजबूत बने रहे और तिमाही आधार पर ये 9.5 प्रतिशत तथा सालाना आधार पर 35.3 प्रतिशत बढ़कर 2.3 अरब डॉलर रहे। लेकिन कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उसके कुछ बड़े सौदों से राजस्व इस वित्त वर्ष के आखिर में ही मिलेगा।
इस बीच, अल्पावधि में कंपनी को खासकर वित्तीय सेवा, मॉर्गेज, परिसंपत्ति प्रबंधन, निवेश बैंकिंग और भुगतान तथा दूरसंचार में कुछ ग्राहकों द्वारा कार्यक्रम और अन्य कार्य रोकने या उनमें सुस्ती लाए जाने की आशंका है। उसे हाई-टेक उद्योग और रिटेल पर भी कुछ प्रभाव पड़ने का अनुमान है।
वित्तीय सेवा और रिटेल इन्फोसिस के सबसे बड़े वर्टिकल हैं और उसके राजस्व में इनका संयुक्त रूप से करीब 50 प्रतिशत योगदान है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैशियल सर्विसेज, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्टिीज, एचडीएफसी सिक्योरिटीज और जेएम फाइनैंशियल सर्विसेज जैसे ब्रोकरों ने इस शेयर पर होल्ड-टु-बाई रेटिंग बरकरार रखी है, हालांकि कुछ हद तक ईपीएस अनुमान घटाए हैं।