Jio IPO: JM फाइनेंशियल की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो का आईपीओ, जिसे कंपनी 2026 की पहली छमाही में लाने की योजना बना रही है, भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री में अगली बड़ी टैरिफ बढ़ोतरी का कारण बन सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, जियो के लिस्टिंग प्लान से टैरिफ में करीब 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की संभावना और मजबूत हो गई है। जुलाई 2024 में आखिरी बार पूरे सेक्टर में टैरिफ बढ़ाए गए थे और उस समय जियो ने ही इस बढ़ोतरी की अगुवाई की थी। अब कंपनी ने एंट्री-लेवल प्लान हटाकर फिर संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में रेट और बढ़ सकते हैं।
ब्रोकरेज JM फाइनेंशियल ने जियो को लगभग 140 अरब डॉलर इक्विटी वैल्यू पर आंका है। रिपोर्ट का कहना है कि जियो का IPO कंपनी के मजबूत फ्री कैश फ्लो की कहानी को और आगे बढ़ाएगा। कंपनी की कमाई FY25 से FY28 के बीच तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जिसका बड़ा कारण टैरिफ में संभावित बढ़ोतरी और प्रीमियम प्लान्स की ओर ग्राहक झुकाव है। रिपोर्ट के अनुसार, IPO जियो के मूल्यांकन को नए स्तर पर ले जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार खुद चाहती है कि देश में तीन बड़े और एक छोटा ऑपरेटर सक्रिय रहें। इसका मतलब है कि वोडाफोन-आइडिया को भी किसी न किसी रूप में टिकाया जाएगा। ऐसी स्थिति में कंपनियां अधिक स्थिर और मजबूत कमाई चाहेंगी, और इसके लिए नियमित टैरिफ बढ़ोतरी आगे भी होती रहेगी। यह पूरी इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।
JM फाइनेंशियल का कहना है कि जियो और एयरटेल दोनों की वैल्यू लगभग समान है, लेकिन IPO के बाद जियो को प्रीमियम वैल्यू मिल सकती है। इसका कारण जियो का तेजी से बढ़ता होम ब्रॉडबैंड बिजनेस, सस्ता होने के बावजूद ऊंची नेटवर्क क्वालिटी और आने वाले समय में नेटवर्क खर्च में कमी है। चूंकि जियो पहले से 5G के स्टैंडअलोन नेटवर्क पर काम कर रहा है, इसलिए आने वाले सालों में उसका खर्च एयरटेल से कम रह सकता है। जियो ने डिजिटल बिजनेस में भी भारी निवेश किया है, जिसका फायदा भविष्य में उसकी वैल्यू को बढ़ा सकता है।
हालांकि रिपोर्ट ने जियो के लिए बड़े अवसर बताए हैं, लेकिन एयरटेल की स्थिति भी काफी मजबूत है। एयरटेल का ARPU अभी भी जियो से ज्यादा है और कंपनी की पूंजी पर रिटर्न भी जियो से बेहतर माना जा रहा है। इस कारण एयरटेल को भी प्रीमियम वैल्यू मिलती रह सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 5G नेटवर्क का बड़ा काम पूरा हो चुका है और अब दोनों कंपनियां भारी खर्च के दौर से बाहर आ रही हैं। आने वाले सालों में जियो और एयरटेल दोनों की फ्री कैश फ्लो यानी शुद्ध कमाई तेजी से बढ़ेगी। जियो FY31 तक कर्ज-मुक्त भी हो सकता है, जबकि एयरटेल FY30 तक नेट कैश स्थिति में पहुंच सकता है। इससे दोनों कंपनियां भविष्य में बेहतर डिविडेंड भी दे पाएंगी।
JM फाइनेंशियल का अनुमान है कि पूरे सेक्टर को स्वस्थ रिटर्न कमाने के लिए FY28 तक ARPU को ₹270–300 के स्तर तक ले जाना होगा। इसके लिए टैरिफ बढ़ोतरी और प्रीमियम प्लान्स की ओर ग्राहकों का रुझान अहम भूमिका निभाएगा। रिपोर्ट बताती है कि भारत का ARPU अभी भी दुनिया में सबसे कम है जबकि यहां प्रति यूजर डेटा खपत सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि कंपनियां आगे भी टैरिफ बढ़ाने की कोशिश करेंगी।
JM फाइनेंशियल का मानना है कि जियो का IPO भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। इससे इंडस्ट्री में नए टैरिफ चक्र की शुरुआत होगी, कंपनियों की कमाई मजबूत होगी और पूरे सेक्टर के वैल्यूएशन यानी मूल्यांकन को नए स्तर पर ले जाया जा सकेगा। ब्रोकरेज ने जियो पर पॉजिटिव रुख बनाए रखा है।
| कंपनी | रेटिंग | टारगेट |
|---|---|---|
| भारती एयरटेल | खरीदें (Buy) | ₹2,460 |
| भारती हेक्साकॉम | खरीदें (Buy) | ₹2,195 |
| वोडाफोन आइडिया | जोड़ें (Add) | ₹11.5 |
| इंडस टावर | घटाएं (Reduce) | ₹385 |
| टाटा कम्युनिकेशंस | खरीदें (Buy) | ₹2,250 |