फ्लिपकार्ट द्वारा समर्थित लॉजिस्टिक्स कंपनी शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने अपनी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए SEBI के पास गोपनीय ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल किया है। यह जानकारी मामले से जुड़े लोगों ने दी है। कंपनी इस पेशकश के जरिए 2,000 करोड़ रुपये से 2,500 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है। इसमें नई शेयरों की बिक्री और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बिक्री के लिए पेशकश शामिल है। सूत्रों के अनुसार, इस IPO से कंपनी का मूल्यांकन लगभग 8,500 करोड़ रुपये हो सकता है। यह फरवरी 2025 में हुए फंडिंग राउंड में कंपनी के 6,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन की तुलना में काफी प्रीमियम है, जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की विकास संभावनाओं में निवेशकों के भरोसे को दिखाता है।
फरवरी 2025 में अपनी आखिरी फंडिंग में, शैडोफैक्स ने प्राइमरी और सेकेंडरी पूंजी जुटाई थी, जिसमें कंपनी का मूल्यांकन करीब 6,000 करोड़ रुपये था। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी इस नई पूंजी का इस्तेमाल अपनी क्षमता बढ़ाने, विकास को गति देने और अपने नेटवर्क व्यवसाय में और निवेश के लिए करेगी।
कंपनी की आय का प्रमुख स्रोत ई-कॉमर्स सेगमेंट है, जो इसके कारोबार का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा है। इससे शैडोफैक्स को भारत के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन रिटेल क्षेत्र का लाभ मिलने की स्थिति में है। बाकी आय क्विक कॉमर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी से आती है। शैडोफैक्स को फ्लिपकार्ट, TPG, एट रोड्स वेंचर्स और मिरे एसेट वेंचर्स जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन मिला हुआ है।
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यह IPO दाखिल ऐसे समय में हुआ है जब शैडोफैक्स 9 लाख करोड़ रुपये के भारतीय लॉजिस्टिक्स बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। मोतीलाल ओसवाल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बाजार वित्त वर्ष 2023 में 9 लाख करोड़ रुपये का था और वित्त वर्ष 2028 तक इसके 13.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 8-9 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है।
इस बढ़ोतरी को संरचनात्मक बदलाव, तकनीक को और बढ़ाने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सरकार की पहल से बल मिल रहा है। 2,200 से अधिक शहरों और 14,300 से ज्यादा पिन कोड्स को कवर करने वाले मजबूत वितरण नेटवर्क के साथ, शैडोफैक्स ने खुद को लॉजिस्टिक्स उद्योग में अग्रणी कंपनियों में से एक के रूप में स्थापित किया है।
हालांकि, कंपनी को डेल्हीवरी, एक्सप्रेसबीस, ईकॉम एक्सप्रेस, ब्लू डार्ट और शिपरॉकेट जैसी कई लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। ये कंपनियां समान क्षेत्रों में काम करती हैं, जिसमें एक्सप्रेस डिलीवरी, ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स और हाइपरलोकल डिलीवरी सर्विस आदि शामिल हैं। इनमें से डेल्हीवरी जैसी कुछ कंपनियां पहले ही सार्वजनिक हो चुकी हैं, जबकि अन्य भी IPO के रास्ते पर हैं।
इस कंपनी की स्थापना 2015 में अभिषेक बंसल, वैभव खंडेलवाल, प्रहर्ष चंद्रा और गौरव जैठलिया द्वारा की गई थी। अभी शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज के पास 1.25 लाख से अधिक मासिक सक्रिय डिलीवरी पार्टनर हैं। डेटा उपलब्ध कराने वाली संस्था ट्रैकन के अनुसार, कंपनी ने अब तक 247 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है।
एट रोड्स वेंचर्स के पास सबसे बड़ी बाहरी हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है, जबकि फ्लिपकार्ट की हिस्सेदारी 15.6 प्रतिशत है। अन्य निवेशकों में एनजीपी और मिरे असेट शामिल हैं, जबकि संस्थापक टीम के पास संयुक्त रूप से 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी आय में 33.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की, जो 1,885 करोड़ रुपये रही। साथ ही, कंपनी ने अपने घाटे को काफी कम कर 11.8 करोड़ रुपये कर लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 92 प्रतिशत कम है। सूत्रों की मुताबिक, कंपनी इस नई पूंजी का उपयोग अपनी क्षमता बढ़ाने, विकास को गति देने और अपने नेटवर्क व्यवसाय में और निवेश के लिए करेगी।