कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक प्राथमिक बाजार सुस्त बने हुए हैं और महज तीन प्रमुख आईपीओ ही पेश किए गए। इनमें दिवगी टॉर्कट्रांसफर सिस्टम्स, एवलॉन टेक्नोलॉजीज (एवलॉन टेक), और मैनकाइंड फार्मा शामिल हैं।
हालांकि इन तीन में से दो आईपीओ छोटे निवेशकों में दिलचस्पी पैदा करने में कामयाब नहीं रहे। उदाहरण के लिए मैनकाइंड फार्मा के आईपीओ को रिटेल निवेशकों द्वारा 92 प्रतिशत आवेदन मिले, जबकि एवलॉन टेक की रिटेल श्रेणी को 88 प्रतिशत आवेदन मिले। विश्लेषकों का कहना है कि कैलेंडर वर्ष 2022 में कई सार्वजनिक पेशकशों की सुस्त सूचीबद्धता के बाद छोटे निवेशकों का उत्साह फीका पड़ा है। उनका कहना है कि जब तक कैलेंडर वर्ष 2023 में शानदार सूचीबद्धता तेजी नहीं दिखेगी, तब तक छोटे निवेशकों का नजरिया आईपीओ के प्रति कमजोर बना रह सकता है।
एडलवाइस फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक एवं निवेश बैंक प्रमुख गोपाल अग्रवाल का कहना है, ‘औसत तौर पर, आईपीओ ने 2021-22 में सूचीबद्धता के समय 25 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। तुलनात्मक तौर पर, वित्त वर्ष 2023 में आईपीओ ला चुकी कई कंपनियों के शेयर निर्गम कीमत से नीचे या उसके आसपास कारोबार कर रहे हैं। इस रुझान के साथ साथ, भारत और वैश्विक तौर पर सुस्त बाजार परिवेश से भी छोटे निवेशकों ने नए आईपीओ में भाग लेने से परहेज किया।’
प्राइम डेटाबेस द्वारा जारी आंकड़े से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2022 में औसत सूचीबद्धता लाभ (सूचीबद्धता की तारीख को बंद भाव के आधार पर) घटकर 10 प्रतिशत रह गया, जो कैलेंडर वर्ष 2021 में 32.19 प्रतिशत और कैलेंडर वर्ष 2020 में 43.82 प्रतिशत था। इसके अलावा, छोटे निवेशकों से आवेदनों की औसत संख्या पूर्ववर्ती कैलेंडर वर्ष के दौरान घटकर महज 590,000 रह गई, जो कैलेंडर वर्ष 2021 में 14.2 लाख और कैलेंडर वर्ष 2020 में 12.7 लाख थी। कुल मिलाकर, 40 कंपनियों ने पिछले साल प्राथमिक बाजार में प्रवेश कर 59,412 करोड़ रुपये जुटाए, जो कैलेंडर वर्ष 2021 में 63 आईपीओ से जुटाई गई 1.18 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले आधी रकम है। इनमें से 12 आईपीओ को 10 गुना से ज्यादा, जबकि 7 को 3 गुना से अधिक का अभिदान मिला था।
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प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘आईपीओ गतिविधि वित्त वर्ष 2024 की पहली कुछ तिमाहियों सुस्त रहने का अनुमान है।’
आगामी राह
विश्लेषकों का कहना है कि प्राथमिक बाजार में उतार-चढ़ाव शांत होने पर छोटे निवेशक आगे आ सकते हैं और बाद के निर्गम सूचीबद्धता पर अच्छी तेजी दर्ज कर सकते हैं। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख दीपक जसानी का कहना है, ‘मैनकाइंड फार्मा की सूचीबद्धता के बाद, निवेशक आने वाले अन्य आईपीओ पर सकारात्मक रुख अपना सकते हैं, बशर्ते कि वे लाभकारी कंपनियां हों और उनके निर्गम ज्यादा महंगे भाव पर पेश नहीं किए जाएं। एक-दो और सफल आईपीओ से छोटे और अमीर निवेशकों, दोनों का उत्साह बढ़ सकता है।’
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एवलॉन टेक का शेयर निर्गम भाव 436 रुपये के मुकाबले NSE पर गिरकर 392 रुपये के आसपास आ गया है।