आईपीओ

Hyundai IPO: ह्युंडै मोटर इंडिया के आईपीओ को मिला 2.37 गुना सब्सक्रिप्शन, रिटेल इन्वेस्टर्स का उत्साह ठंडा

निवेशकों ने 23.6 करोड़ शेयरों के लिए 46,320 करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं। 80 फीसदी से ज्यादा बोलियां पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की तरफ से आईं।

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- October 17, 2024 | 10:33 PM IST

ह्युंडै मोटर इंडिया के भारी भरकम आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का बेड़ा आज आखिरी दिन पार लग ही गया मगर निवेशकों में इसके प्रति ज्यादा जोश नहीं दिखा। कंपनी के आईपीओ को अंतिम दिन तक महज 2.37 गुना ही आवेदन मिले। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था मगर खुदरा और धनाढ्य श्रेणी के निवेशकों ने इस पर ज्यादा दांव नहीं लगाया।

आईपीओ में 9.97 करोड़ शेयर रखे गए थे। निवेशकों ने 23.6 करोड़ शेयरों के लिए 46,320 करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं। 80 फीसदी से ज्यादा बोलियां पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की तरफ से आईं और इस श्रेणी के लिए आरक्षित शेयरों की तुलना में 7 गुना बोलियां मिलीं। क्यूआईबी श्रेणी में करीब 60 फीसदी बोलियां विदेशी निवेशकों से आईं। खुदरा श्रेणी के लिए रखे गए शेयरों में से 60 फीसदी और धनाढ्य (एचएनआई) श्रेणी में 50 फीसदी के लिए ही बोलियां लगीं।

कर्मचारियों के लिए आरक्षित शेयरों को 1.7 गुना आवेदन मिले। कंपनी ने कर्मचारियों को 186 रुपये कम भाव पर शेयर देने का वादा किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि ग्रे मार्केट में कम दाम और वाहन शेयरों में बिकवाली के कारण आईपीओ की मांग कमजोर रही।

त्योहारों के दौरान बिक्री कम रहने की चिंता में निफ्टी ऑटो सूचकांक आज 3.5 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया। अपने उच्चतम स्तर से यह करीब 10 फीसदी नीचे आ चुका है। फिर भी पिछले एक साल में यह 50 फीसदी ऊपर है।

एक निवेश बैंकर ने कहा, ‘ह्युंडै का आईपीओ तब आया, जब वाहन शेयरों का अच्छा दौर बीत चुका है। शेयर की कीमत और कम रहती तो इस निर्गम की अच्छी मांग हो सकती थी। निर्गम में प्रवर्तकों के शेयर ही बेचे जा रहे हैं और नए शेयर नहीं जारी किए जा रहे। इसका असर भी निर्गम पर पड़ा है।’

निर्गम का मूल्य दायरा 1,865 से 1,960 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। अधिकतम मूल्य पर सूचीबद्ध हुई तो ह्युंडै इंडिया का मूल्यांकन तकरीबन 1.6 लाख करोड़ रुपये होगा।

2023-24 की आय के आधार पर शेयर का मूल्यांकन 26.3 गुना है, बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया के मुकाबले केवल 10 फीसदी कम है। यह सच है कि ह्युंडै का मार्जिन और रिटर्न मारुति से बेहतर है लेकिन बिक्री, बाजार हिस्सेदारी और वितरण नेटवर्क के मामले में यह अब भी मारुति की तुलना में एक तिहाई है।

कोरियाई कंपनी ह्युंडै ने आईपीओ के जरिये अपनी 17.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 27,870 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह देश में अभी तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। ब्रोकरों ने आईपीओ को खरीदने की रेटिंग दी थी और उनका कहना था कि इस शेयर से लंबी अवधि में ही बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

First Published : October 17, 2024 | 10:33 PM IST