ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट (Flipkart) ने अपने आईपीओ (IPO) से पहले बड़ी योजना बनाई है। कंपनी अपनी होल्डिंग फर्म को सिंगापुर से भारत ट्रांसफर करने की तैयारी कर रही है। फ्लिपकार्ट ने यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अगले 12 से 15 महीनों में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लाने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने सिंगापुर से भारत में अपना डोमिसाइल ट्रांसफर करने के लिए आंतरिक मंजूरी प्राप्त कर ली है। यह भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वॉलमार्ट के समर्थन वाली फ्लिपकार्ट अपने बोर्ड स्ट्रक्चर और ऑपरेशंस को मजबूत कर रही है। ताकि यह पब्लिक ऑफरिंग सफलतापूर्वक पूरी की जा सके। यह भारत की नई पीढ़ी की कंपनियों में से सबसे बड़े IPOs में से एक हो सकता है।
फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि यह रणनीतिक निर्णय कंपनी की भारत के प्रति गहरी और अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है और देश की अभूतपूर्व वृद्धि में विश्वास को मजबूत करता है। प्रवक्ता ने कहा, “भारत सरकार की सशक्त सोच और व्यापार को प्रोत्साहन देने वाली पहलों से हम बेहद प्रेरित हैं। ये नीतियां हमारे सफर को दिशा देने में अहम रही हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह कदम हमारे होल्डिंग स्ट्रक्चर को हमारे मुख्य संचालन, भारतीय अर्थव्यवस्था की अपार संभावनाओं और तकनीकी व नवाचार-आधारित क्षमताओं के साथ बेहतर तरीके से संरेखित करता है। इससे भारत में डिजिटल परिवर्तन को और बल मिलेगा।”
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फ्लिपकार्ट ने हाल ही में बड़ा बदलाव करते हुए ‘वर्क फ्रॉम होम’ की नीति को खत्म कर दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों से सप्ताह में पांच दिन कार्यालय लौटने को कहा है। फ्लिपकार्ट के करीब 22,000 कर्मचारी हैं। कंपनी ने उन्हें पूरी तरह से दफ्तर से काम करने के लिए कहा है।
भारत के तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में फ्लिपकार्ट ने पहले 2022–2023 में IPO लॉन्च करने पर विचार किया था। हालांकि, उस समय कंपनी को वित्तीय कारणों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते अपनी योजना को टालना पड़ा।
फिक्की-डेलॉयट की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2030 तक 325 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है और यह 21 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) से वृद्धि करेगा।
2025 में भारत में 20 से अधिक स्टार्टअप्स के IPO लाने की संभावना जताई जा रही है। इनमें ऑनलाइन ज्वेलरी प्लेटफॉर्म Bluestone, क्विक-कॉमर्स कंपनी Zepto, इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड boAt, और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता Ather जैसी प्रमुख नाम शामिल हैं। इसके अलावा, कई भारतीय स्टार्टअप्स जो वर्तमान में विदेशों में डोमिसाइल्ड हैं, वे अब भारत में अपना बेस ट्रांसफर या रिवर्स-फ्लिप की प्रक्रिया अपना रहे हैं।