Emcure Pharma IPO: पुणे की एमक्योर फार्मास्युटिकल्स (Emcure Pharmaceuticals) को आईपीओ (IPO) लाने के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) से मंजूरी मिल गई है। इस आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और प्रवर्तकों तथा मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 1.36 करोड़ इक्विटी शेयरों का ओएफएस शामिल है।
मामले से अवगत सूत्रों का कहना है कि आईपीओ एक महीने में आ सकता है। डीआरएचपी के अनुसार निर्गम से प्राप्त रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्य के लिए किया जाएगा। एमक्योर ने पिछले साल दिसंबर में डीआरएचपी सौंपा था और उसे पिछले सप्ताह नियामक से मंजूरी मिली है।
एमक्योर फार्मा (Emcure Pharma) ने अगस्त 2021 में अपने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे, जिसमें 1,100 करोड़ रुपये के नया निर्गम और 1.8 करोड़ इक्विटी शेयरों के ओएफएस की रूपरेखा थी।
आईपीओ से कितने रुपये जुटाएगी एमक्योर फार्मा?
बाजार सूत्रों के अनुसार उस समय फंड जुटाने का लक्ष्य लगभग 4500-5000 करोड़ रुपये होने का अनुमान था। कंपनी को दिसंबर 2021 में भी आईपीओ योजनाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए सेबी की मंजूरी मिल भी गई थी। लेकिन उसने तब आईपीओ पेश नहीं किया था।
30 सितंबर, 2023 को एमक्योर पर कुल बकाया समेकित आधार पर 2012.8 करोड़ रुपये था। आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल सभी या कुछ कर्ज राशि या ब्याज चुकाने में किया जाएगा।
कौन हैं प्रमोटर?
प्रमोटर और प्रमोटर समूह के सदस्य (सतीश रमनलाल मेहता और सुनील रजनीकांत मेहता समेत) ओएफएस में 49.8 लाख इक्विटी शेयर बेचने की तैयारी कर रहे हैं। अरुणकुमार पुरुषोत्तमलाल खन्ना, बर्जिस मीनू देसाई और सोनाली संजय मेहता जैसे अन्य शेयरधारक भी इस ओएफएस में हिस्सा लेंगे।
एमक्योर फार्मा के बारे में (About Emcure Pharma)
फार्मारैक के अनुसार, एमक्योर (अपनी इकाई जुवेंटस के साथ) को मई 2024 तक घरेलू दवा बाजार में 12वां स्थान हासिल था। उसके उत्पाद पोर्टफोलियो में ओरल, इंजेक्टीबल्स, बायोथेरेप्यूटिक्स शामिल हैं और उसकी मौजूदगी भारत, यूरोप और कनाडा समेत 70 देशों में है।