आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिये जुटाई गई राशि चालू वित्त वर्ष में 2021-22 के मुकाबले आधे से अधिक घटकर 52,116 करोड़ रुपये रही। वहीं पिछले वित्त वर्ष में IPO से 1,11,547 करोड़ रुपये जुटाये गये थे, जो अबतक का सर्वाधिक आंकड़ा है।
प्राइम डाटाबेस के अनुसार केवल 37 कंपनियां 2022-23 में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुईं। यह 2021-22 में आये 53 IPO से कहीं कम है। प्राइम डाटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रवीण हल्दिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जुटाई गई कुल राशि में 39 फीसदी यानी 20,557 करोड़ रुपये अकेले LIC (भारतीय जीवन बीमा निगम) ने जुटाये।
अगर इसको हटा दिया जाए तो इस साल IPO के जरिये केवल 31,559 करोड़ रुपये जुट पाते। इन सबके बावजूद वित्त वर्ष 2022-23 में IPO के जरिये जुटाई गई राशि, तीसरी सबसे अधिक रकम है।
कुल मिलाकर सार्वजनिक इक्विटी के जरिये जुटाया गया कोष भी 56 फीसदी घटकर 76,076 करोड़ रुपये रहा जो 2021-22 में 1,73,728 करोड़ रुपये था। जहां IPO (लघु एवं मझोले उद्यमों के निर्गम समेत) के जरिये 54,344 करोड़ रुपये जुटाये गये, वहीं पूंजी बाजार के जरिये जुटाई गई राशि 85,021 करोड़ रुपये रही।
इसमें से 11,231 करोड़ रुपये बिक्री पेशकश (OFS) के जरिये, 9,335 करोड़ रुपये पात्र संस्थागत नियोजन (QIP)/इनविट (बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट)/रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) के जरिये 1,166 करोड़ रुपये जुटाये गये। यानी इक्विटी कोष के रूप में 76,076 करोड़ रुपये जुटाये गये। कुल 8,944 करोड़ रुपये सार्वजनिक बॉन्ड के जरिये जुटाये गये।
कुल मिलाकर IPO और बॉन्ड के जरिये 85,021 करोड़ रुपये जुटाये गये। प्राइम डाटाबेस के अनुसार, कुल 37 निर्गम में से 25 निर्गम केवल तीन महीने (मई, नवंबर और दिसंबर) में आए। वहीं चौथी तिमाही में पिछले नौ साल में सबसे कम निर्गम आये।