पिछले साल की आखिरी तिमाही में बाजार औंधे मुंह गिर रहा था लेकिन इसी दौरान कंपनियों ने आईपीओ के जरिए बाजार से सबसे ज्यादा रकम भी जुटा ली।
इस दौरान कंपनियों ने 17,217 करोड़ रुपए जुटाए जो उसके पहले के साल की तुलना में दोगुना है। एसोचेम की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2006-07 की आखिरी तिमाही में आईपीओ के जरिए केवल 7749 करोड़ की रकम ही जुटाई गई थी।
लेकिन इस रकम में 60 फीसदी हिस्सा तो केवल रिलायंस पावर के आईपीओ से इकट्ठा किया गया था। हालांकि इस दौरान आईपीओ की संख्या 33 से घटकर 17 ही रह गई लेकिन रकम 120.68 फीसदी ज्यादा बटोरी गई।
पिछले कारोबारी साल की आखिरी तिमाही में जिन सेक्टर में सबसे ज्यादा ग्रोथ दिखी वह थे पावर, कंस्ट्रक्शन और फाइनेंशियल सेक्टर। कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने इस दौरान 4454.77 करोड़ रुपए जुटाए जबकि इस सेक्टर की दो कंपनियों ने अपने आईपीओ वापस ले लिए थे जबकि पावर सेक्टर में रिलायंस पावर ही छाया रहा था।
जबकि प्राइमरी बाजार को ट्रैक करने वाली फर्म प्राइम शो के मुताबिक पूरे साल की बात की जाए तो पिछले कारोबारी साल में भारतीय कंपनियों ने पब्लिक इश्यू के जरिए कुल 52,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। ये रकम आईपीओ और एफपीओ के जरिए उगाही गई। साल 2006-07 में जुटाई गई रकम से ये दोगुनी है। 2006-07 में कुल 24,994 करोड़ रुपए बाजार से जुटाए गए थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह साल में ये एक साल में जुटाई गई सबसे बड़ी रकम है। 2005-06 में 23,676 करोड़, 2004-05 में 21,432 करोड़, 2003-04 में 17,807 करोड़ और 2002-03 में 1039 करोड़ रुपए बाजार से जुटाए गए थे। कारोबारी साल के आखिरी में बाजार में मंदी छा जाने की वजह से कई आईपीओ टाले भी गए हैं। इस रकम में से 79 फीसदी हिस्सा आईपीओ के जरिए ही आया।
पिछले साल अब तक का सबसे बड़ा रिलायंस पावर के आईपीओ के जरिए 10,123 करोड़ रुपए कंपनी ने जुटाए। इसके अलावा इस दौरान जो बड़े इश्यू बाजार में आए उनमें डीएलएफ, पीजीसीआईएल, फ्यूचर कैपिटल, आरईसी और ओमेक्स शामिल हैं।