पिछले कारोबारी साल यानी साल 2007-08 में शेयर बाजार के निवेशकों की 2,50,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति स्वाहा हो गई।
करीब एक हजार कंपनियों की बहुत सारी पूंजी इस दौरान साफ हो गई है उनमें आईटी सेक्टर की सभी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। हालांकि देश की सभी लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप की बात करें तो इसमें इस दौरान करीब 18,00,000 करोड़ का इजाफा हुआ है। इसमें वे सौ कंपनियां भी शामिल हैं जो इस दौरान ही लिस्ट हुई हैं।
नई लिस्टेड कंपनियों समेत इस दौरान करीब एक हजार कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट आई है जबकि करीब 1400 कंपनियां ऐसी रहीं जिनकी बाजार पूंजी में करीब 15,00,000 करोड़ रुपए का इजाफा हो गया।
जिन कंपनियों के मार्केट कैप में गिरावट आई उनमें आईटी सेक्टर के करीब करीब सारे बड़े नाम शामिल हैं। इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो के निवेशकों को करीब 18,000-42,000 करोड़ के बीच नुकसान हुआ जबकि सत्यम, एचसीएल टेक और पटनी के निवेशकों की 2000-4500 करोड़ के बीच पूंजी साफ हो गई।
जबकि टाटा मोटर्स, एम ऐंड एम, हिंदुस्तान जिंक, सिपला, कंटेनर कार्पो., डॉ. रेड्डी, टेक महिन्द्रा, आईफ्लेक्स, वीडियोकॉन, एमटीएनएल, भारत फोर्ज, शोभा डेवलपर्स, यूनाइटेड ब्रूवरीज, एमटेक ऑटो, कैडिला, वोकहार्ट, एवंडिस फार्मा, अंसल प्रॉपर्टीज, अरबिंदो फार्मा, माइंडट्री, हेक्सावेयर, सूबेक्स और एनआईआईटी के मार्केट कैप में करीब 1000-10,000 करोड़ की बाजार पूंजी साफ हुई।
इन एक हजार कंपनियों का मार्केट कैप 9,82,000 करोड़ का था जो साल के आखिर में 7,24,000 करोड़ रुपए का रह गया। जबकि1400 कंपनियों का मार्केट कैप इस दौरान 25,40,000 करोड़ से बढ़कर 40,40,000 करोड़ रुपए का हो गया।
जिन कंपनियों के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा इजाफा दिखा उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनएमडीसी का मार्केट कैप 1,00,000 करोड़ से ज्यादा बढ़ा जबकि एमएमटीसी में 98,000 करोड़ की बढ़त रही। ओएनजीसी, एनटीपीसी, स्टेट बैंक, बीएचईएल, एल ऐंड टी, रिलायंस पेट्रो, आईटीसी, सेल, एचडीएफसी, टाटा स्टील, स्टर्लाइट और जिंदल की बाजार पूंजी में 20,000 से 50,000 करोड़ के बीच इजाफा देखा गया।
जबकि रिलायंस कम्यूनिकेशन, एचडीएफसी बैंक, यूनीटेक, केयर्न, सुजलॉन, गेल, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, नाल्को, एक्सिस बैंक, जीएमआर इंफ्रा, टाटा पावर, एस्सार ऑयल, नैवेली लिग्नाइट, आरएनआरएल और हिंदुस्तान कॉपर का मार्केट कैप भी 10,000-10,000 करोड़ रुपए बढ़ गया।
लेकिन कुल बाजार के मार्केट कैप की बात हो तो नई लिस्टेड कंपनियों समेत बाजार की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस कारोबारी साल में 50 फीसदी बढ़ा है। इन कंपनियों का कुल मार्केट कैप 35,44,979 करोड़ था जो इस साल के दौरान बढ़कर 53,09,319 करोड़ हो गया। केवल सेंसेक्स के तीस स्टॉक्स की बात की जाए तो इनका मार्केट कैप करीब 36 फीसदी यानी 6,00,000 करोड़ रुपए बढ़कर 17,11,241 करोड़ से 23,26,429 करोड़ रुपए हो गया।