2024 ने भारतीय शेयर बाजार में एक नया रिकॉर्ड कायम किया। इस साल 317 आईपीओ से कुल ₹1.8 ट्रिलियन जुटाए गए, जो 2021 के रिकॉर्ड ₹1.3 ट्रिलियन से कहीं ज्यादा है। अगर हम 2023 की बात करें, तो इस साल ₹576 बिलियन ही जुटाए गए थे। यह जानकारी कैनरा रोबेको म्युचुअल फंड की रिपोर्ट में आई है।
सेक्टरल म्युचुअल फंड्स का धमाका!
इसके अलावा, नवंबर 2024 तक SIP अकाउंट्स की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई। अब, फंड हाउस का कहना है कि विदेशी निवेशक (FII) का पैसा शायद कम हो सकता है, लेकिन घरेलू निवेशकों से बाजार को लगातार समर्थन मिलता रहेगा। वो रियल एस्टेट, हेल्थकेयर, फार्मा, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंक्स, FMCG और एनर्जी सेक्टर में अच्छे मौके देख रहे हैं। वहीं, ऑटो और मेटल सेक्टर के लिए वो उतना उम्मीदभरे नहीं हैं। और, 2025 के लिए उनका मानना है कि लार्ज-कैप स्टॉक्स को ज्यादा फायदा होगा।
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2024 में कुछ सेक्टरों ने शानदार प्रदर्शन किया:
2025 में निवेश के लिए कौन से सेक्टर सही रहेंगे?
लार्ज-कैप स्टॉक्स को मिलेगा फायदा: 2024 के आखिर में भारतीय शेयर बाजार में थोड़ी ठंडक आई है। इसके पीछे वजह है बढ़ती महंगाई, धीमी कॉर्पोरेट कमाई और आरबीआई की सतर्क नीति। लेकिन 2025 में लार्ज-कैप स्टॉक्स को बेहतर मौके मिल सकते हैं। Nifty 100 स्टॉक्स का हिस्सा अभी ऐतिहासिक रूप से कम है, जिससे लार्ज-कैप में सुधार की उम्मीद है। इन स्टॉक्स का मूल्य वर्तमान में सस्ता है, जिससे ये निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकते हैं।
इसमें कोई शक नहीं कि ऑटो और मेटल सेक्टर को थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन सरकारी खर्च कमाई में स्थिर बढ़ोतरी के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थकेयर जैसे सेक्टरों में अच्छा मौका दिख रहा है।
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विदेशी निवेशकों (FII) ने अमेरिका और चीन जैसे बड़े बाजारों की ओर रुख किया है, जिससे भारतीय बाजार में थोड़ा ठहराव आया है। लेकिन इसी बदलाव से लार्ज-कैप स्टॉक्स को नया मौका मिल सकता है। आखिर, जब निवेशक स्थिरता की तलाश में हों, तो मजबूत और भरोसेमंद स्टॉक्स की डिमांड तो बढ़ेगी ही।
कैनरा रोबेको म्युचुअल फंड की 2025 की आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया, “हमारे अनुमान के अनुसार, 2025 में वृद्धि कमजोर हो सकती है, जिसका कारण लगातार ऊंची महंगाई और सरकारी निवेश में देरी है, जो शहरी खपत को कम कर रही है। पिछले लगभग चार सालों के बुल रन के बाद, भारतीय शेयर बाजारों ने पिछले तीन महीनों में थोड़ी स्थिरता दिखाई है, क्योंकि वृद्धि और शहरी मांग धीमी हुई है। इतने लंबे बुल रन के बाद बाजार का थोड़ा ठंडा होना स्वाभाविक है। हमारा मानना है कि 2025 का साल लार्ज-कैप सेगमेंट के पक्ष में होगा।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि महंगाई की मार और सरकारी खर्चों में देरी से विकास की रफ्तार थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन लार्ज-कैप स्टॉक्स के लिए ये सुनहरा मौका बन सकता है। इन स्टॉक्स की कीमतें अभी कम हैं और औसत स्तर पर लौटने की उम्मीद है। निवेशकों को सलाह है कि लंबी अवधि का नजरिया अपनाएं और ऐसे स्टॉक्स चुनें जो मजबूत ग्रोथ का वादा करें। आखिर, धैर्य रखने वालों को ही बाजार के असली इनाम मिलते हैं!
फिक्स्ड इनकम फंड्स में क्या है खास?
कैनरा रोबेको म्युचुअल फंड का कहना है कि भारतीय बॉन्ड्स ने बाहरी चुनौतियों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत की स्थिर आर्थिक स्थिति और मजबूत कॉर्पोरेट क्रेडिट के चलते बॉन्ड मार्केट को मजबूती मिली है। खासकर कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड्स, डायनामिक बॉन्ड फंड्स और गिल्ट फंड्स को लंबे समय तक अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
कैनरा रोबेको म्युचुअल फंड को मुताबिक, अगर आप नया निवेश करने का सोच रहे हैं, तो स्टेबल ब्याज दरों के चलते फिक्स्ड इनकम फंड्स भी एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।