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IndusInd Bank Q4 Results: बैंक को ₹2,329 करोड़ का नुकसान, 19 साल में पहली बार हुआ तिमाही घाटा

IndusInd Bank Q4 Results: चौथी तिमाही में घाटे के बावजूद वित्त वर्ष 2025 में बैंक को 2,575 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।

Last Updated- May 22, 2025 | 10:25 AM IST
IndusInd bank
IndusInd Bank का ग्रॉस NPA 3.13 फीसदी और नेट NPA 0.95 फीसदी दर्ज की गईं। (फोटो: रॉयटर्स)

IndusInd Bank Q4 Results:  इंडसइंड बैंक को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 2,329 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा (IndusInd Bank Q4 Loss) हुआ है जो पिछले 19 वर्षों में उसका पहला तिमाही घाटा है। प्रावधान एवं आकस्मिक मद की रकम में भारी उछाल और लेखांकन में कई खामियों के कारण बैंक के वित्तीय प्रदर्शन को तगड़ा झटका लगा है।

बैंक ने यह भी कहा है कि उसके बोर्ड ने धोखाधड़ी होने की आशंका जताई है। उसका कहना है कि बैंक के लेखांकन और वित्तीय खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारी इसमें शामिल हो सकते हैं। बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कहा, ‘बोर्ड को संदेह है कि बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी हुई है और लेखांकन एवं वित्तीय खुलासे में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उसके ही कुछ कर्मचारी इसमें शामिल हो सकते हैं।’

इस आशंका को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने कानून के तहत आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। इसमें नियामकों एवं जांच एजेंसियों में शिकायत दर्ज करना भी शामिल है। इसके अलावा बोर्ड ने इसके लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने का भी निर्देश दिया है। बैंक ने कहा कि उसने 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए वित्तीय नतीजों को अंतिम रूप देते समय पहचान की गई सभी विसंगतियों के प्रभाव को ध्यान में रखा है और नतीजे में उचित तरीके से दर्शाया है।

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इंडसइंड बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, ‘बोर्ड और प्रबंधन ने माना है कि हमारे जैसी संस्था के लिए ये चूक दुर्भाग्यपूर्ण है। मगर प्रबंधन के साथ-साथ बोर्ड ने सभी पहचान किए  गए मुद्दों को समय पर और व्यापक तरीके से हल करने का दृढ़ संकल्प दिखाया है। पिछली सभी गड़बड़ियों का असर शामिल करने के बाद भी बैंक का बहीखाता दमदार है।’

बैंक ने कहा है कि बोर्ड नए मुख्य कार्याधिकारी की चयन प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दे रहा है। उम्मीद है कि नए सीईओ के नाम की सिफारिश 30 जून की निर्धारित समय-सीमा से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कर दी जाएगी। नए सीईओ की नियुक्ति होने तक बैंक को वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है।

Q4 में घाटे के बाद भी FY25 में ₹2,575 करोड़ मुनाफा 

चौथी तिमाही में घाटे के बावजूद वित्त वर्ष 2025 में बैंक को 2,575 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ जो एक साल पहले के मुकाबले 71 फीसदी कम है। बैंक की शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 43 फीसदी घटकर 3,048 करोड़ रुपये रह गई। अन्य स्रोतों से होने वाली आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 72 फीसदी घटकर 709 करोड़ रुपये रह गई। शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 2.28 फीसदी रहा जो एक तिमाही पहले के मुकाबले 168 आधार अंक कम और एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 201 आधार अंक कम है।

तिमाही के दौरान प्रावधान एवं आकस्मिक मद की रकम एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 165 फीसदी उछाल के साथ 2,522 करोड़ रुपये हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 950 करोड़ रुपये रहा था। बैंक ने 5,014 करोड़ रुपये की स्लिपेज दर्ज की जिसमें से खुदरा पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी 4,794 करोड़ रुपये और कॉरपोरेट पोर्टफोलियो की हिस्सेदारी 220 करोड़ रुपये रही।

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IndusInd Bank: Q4 में NPA बढ़ा

बैंक की 70 फीसदी से अधिक स्लिपेज सूक्ष्मवित्त कारोबार से आई। परिणामस्वरूप बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता खराब हुई और सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 3.13 फीसदी एवं शुद्ध एनपीए 0.95 फीसदी दर्ज की गईं।  अग्रिम में सालाना आधार पर 1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन क्रमिक आधार पर वह 6 फीसदी घटकर 3.45 लाख करोड़ रुपये रह गई। बैंक की जमा में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई लेकिन वह एक तिमाही पहले के मुकाबले घटकर 4.10 लाख करोड़ रुपये रह गई। सावधि जमा में सालाना आधार पर 16 फीसदी और क्रमिक आधार पर 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। चालू खाता बचत जमा  भी एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 7 फीसदी घटकर 1.34 लाख करोड़ रुपये रह गई।

बहीखाते की सेहत दुरुस्त: IndusInd Bank

  • बैंक के अनुसार, सभी प्रभावों को समायोजित करने के बावजूद उसके बहीखाते की सेहत दुरुस्त  है। उसका पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.24 फीसदी, प्रावधान कवरेज अनुपात 70 फीसदी और औसत तरलता कवरेज अनुपात 118 फीसदी है।
  • इसके अलावा अतिरिक्त तरलता 39,600 करोड़ रुपये है। मार्च में बैंक ने खुलासा किया था कि आंतरिक समीक्षा के दौरान उसे अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियां मिली हैं।
  • बाद में उसने नुकसान और विसंगति के कारणों का पता लगाने के लिए बाहरी एजेंसियों को नियुक्त किया। जांच से पता चला है कि वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2024 के दौरान बैंक ने ऐसे कई डेरिवेटिव लेनदेन किए जिनमें लेखांकन दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया था।

First Published - May 21, 2025 | 11:05 PM IST

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