भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े घटक बैंकों के शेयर फिलहाल बेंचमार्क सूचकांक के मुकाबले काफी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर शीर्ष दस सूचीबद्ध बैंकों वाला बैकिंग सूचकांक (बैंकेक्स) 15.3 गुना प्राइस टु अर्निंग (पीई) मल्टिपल पर कारोबार कर रहा है, जो बीएसई सेंसेक्स के 24.37 गुना पीई मल्टिपल से करीब 40 फीसदी कम है।
दोनों सूचकांकों के मूल्यांकन में इतना अंतर पिछले 10 साल में कभी नहीं आया था। बीएसई बैंकेक्स का प्राइस टु बुक (पीबी) अनुपात 2.22 गुना है, जो सेंसेक्स के 3.61 गुना पीबी अनुपात से 40 फीसदी कम है।
दोनों सूचकांकों के मूल्यांकन में इतने अधिक अंतर की वजह हाल के महीनों में स्टॉक एक्सचेंज पर प्रमुख बैंकिंग शेयरों का कमजोर प्रदर्शन है। विश्लेषकों का कहना है कि अगली कुछ तिमाहियों के दौरान बैंकों की आय में वृद्धि की रफ्तार सुस्त बनी रह सकती है।
सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के सह-प्रमुख (अनुसंधान एवं शेयर रणनीति) धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘बैंकों की मुनाफा कमाने की क्षमता कई चुनौतियों से जूझ सकती है जैसे ऊंची जमा लागत के कारण मार्जिन में कमी, रिटेल कर्ज बाजार में बढ़ती होड़ और उपभोक्ता ऋण कारोबार में परिसंपत्ति की खराब गुणवत्ता।’
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के विश्लेषकों ने बैंकों के आय अनुमान पर अपना हालिया रिपोर्ट में कहा, ‘बैंकों का परिचालन मुनाफा कमजोर है क्योंकि शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) घट रह है। हमें लगता है कि बैंकों का एनआईएम 15-20 आधार अंक घट सकता है।
ऋण से आय बढ़ने की गुंजाइश भी कम ही है, इसीलिए जमा की लागत बढ़ सकती है।’बैंकिंग सूचकांक के कमजोर प्रदर्शन की एक वजह एचडीएफसी बैंक को भी माना जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक की आय करीब 20 फीसदी कम रही। ऐक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक के शेयर भी पिछली तिमाही में कमजोर आय के कारण बेचे गए।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं मुख्य कार्य अधिकारी जी चोकालिंगम ने कहा, ‘बैंकिंग सूचकांक के कमजोर प्रदर्शन और मूल्यांकन में गिरावट के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार एचडीएफसी बैंक ही है। कभी यह शेयर करीब 30 गुना पीई मल्टिपल पर था, जो अब घटकर 20 गुना रह गया है। इसका पीबी अनुपात भी 5 गुना से घटकर 2.7 गुना रह गया है।’
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक में 32.1 फीसदी भार के साथ बैंकों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। फिलहाल सूचकांक में एचडीएफसी बैंक की अगुआई में 5 बैंक हैं। एचडीएफसी बैंक का भार 13 फीसदी है।
बीएसई बैंकेक्स सूचकांक में 10 बैंक शामिल हैं। सूचकांक में बैंकों के बाद कुल 15.3 फीसदी भार के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस जैसी आईटी सेवा कंपनियों का स्थान है।
मौजूदा मूल्यांकन पर बैंकिंग सूचकांक अपने दस साल के औसत मूल्यांकन से कम पर कारोबार कर रहा है, जबकि बेंचमार्क सूचकांक पिछले एक दशक के अपने औसत मूल्यांकन से ऊपर कारोबार कर रहा है।
पिछले दस वर्षों के दौरान बीएसई बैंकेक्स ता पीई मल्टिपल औसतन 24.2 गुना रहा है, जो मौजूदा पीई मल्टिपल के मुकाबले करीब 50 फीसदी अधिक है। बैंकेक्स पीबी अनुपात पिछले 10 साल में औसतन 2.3 गुना रहा है, जो उसके मौजूदा पीबी अनुपात से 4 फीसदी अधिक है।
इसके विपरीत सेंसेक्स का मौजूदा पीई मल्टिपल दस साल के पीई मल्टिपल 23.5 गुना के मुकाबले 5 फीसदी अधिक है और पीबी अनुपात करीब 20 फीसदी अधिक है।
बीएसई बैंकेक्स का पीई मल्टिपल जनवरी 2023 के अंत में 16.2 गुना था। वहां से 90 आधार अंक गिरावट के साथ यह सोमवार को 15.3 गुना रह गया। जबकि इसी दौरान सेंसेक्स का पीई मल्टिपल 22.3 गुना से 230 आधार अंक बढ़कर 24.6 गुना हो गया।