अमेरिका और यूरोप में नियामक द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बावजूद बाजार सतर्क है। मुख्य चिंता क्या है?
ऊंची अमेरिकी ब्याज दर की आशंका से भी समस्या बढ़ी है और दरें ऊंची बने रहने का अनुमान है। ऊंचे प्रतिफल की वजह से इक्विटी और डेट परिसंपत्तियों के मूल्य प्रभावित होंगे। इसका प्रत्यक्ष परिणाम वित्त क्षेत्र पर पड़ेगा, लेकिन व्यापक तौर पर अर्थव्यवस्था भी इसकी चपेट में आ सकती है। इससे इक्विटी/बॉन्ड, और मुद्रा बाजारों में चिंता पैदा हो रही है। भारत में कंपनियों के ऊंचे मूल्यांकन में नरमी आ रही है। बाजार संभावित आर्थिक मंदी, आय वृद्धि में कमी की आशंका जता रहा है। हालांकि दीर्घावधि निवेशकों को चिंतित नहीं होना चाहिए।
अगली एक से तीन तिमाहियां अच्छी कंपनियों के शेयर खरीदने के लिहाज से अच्छा समय साबित होंगी। अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र में समस्याओं को देखते हुए मौद्रिक नीति थोड़ी कम सख्त होगी।
2023 में इक्विटी बाजार का प्रदर्शन कैसा रहेगा? क्या विकसित बाजारों (डीएम) का प्रदर्शन उभरते बाजारों (ईएम) के मुकाबले अच्छा रहेगा?
हम 2023 के लिए इक्विटी बाजार पर तटस्थ नजरिया बनाए हुए हैं, और विकसित दुनिया तथा अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले भारत अपने महंगे मूल्यांकन और मंदी की आशंका की वजह से कमजोर प्रदर्शन कर सकता है।
2023 की दूसरी छमाही और कैलेंडर वर्ष 2024 कम सख्त मौद्रिक नीतियों की वजह से बेहतर रहने का अनुमान है। जैसे ही भारत के ऊंचे मूल्यांकन में कमी आएगी, ज्यादा गिरावट की आशंका दूर होगी। मैं गिरावट पर खरीदारी की सलाह देना चाहूंगा, क्योंकि डीएम और अन्य ईएम के मुकाबले भारत मध्यावधि-दीर्घावधि आधार पर बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
क्या छोटे निवेशक गिरावट पर खरीदारी कर रहे हैं?
कैश सेगमेंट में रिटेल निवेशकों द्वारा प्रत्यक्ष निवेश लगातार धीमा बना रहेगा। हालांकि म्युचुअल फंडों के जरिये निवेश मजबूत है और यह एक बेहद मजबूत ट्रेंड है। नए कारोबारियों (जिनकी संख्या कोविड-19 के दौरान तेजी से बढ़ी) द्वारा कारोबार घटा है, जबकि दीर्घावधि निवेशक ‘गिरावट पर खरीदें’ रणनीति पर ध्यान दे रहे हैं। बाजार के कैश सेगमेंट में औसत दैनिक कारोबार कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक सालाना आधार पर एक-तिहाई से ज्यादा घटी है।
मौजूदा समय में सही निवेश रणनीति क्या होनी चाहिए?
हम निवेशक की जोखिम सहन करने की क्षमता के आधार पर संतुलित पोर्टफोलियो की सलाह दे रहे हैं, जिसमें इक्विटी में 40 से 60 प्रतिशत निवेश शामिल हो। मौजूदा समेकन से दीर्घावधि निवेशकों के लिए रिस्क-रिवार्ड सुधरा है। बाजार में उतार-चढ़ाव अल्पावधि में बना रह सकता है और निवेशक अपने जोखिम प्रोफाइल के हिसाब से 2023 के अंत तक इक्विटी में निवेश 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर सकते हैं।
हमने फार्मा, बिजली (अक्षय ऊर्जा), इन्फ्रा, निर्माण और एफएमसीजी में निवेश का सुझाव दिया है। हालांकि लू और अल नीनो से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए हमने निवेशकों को एफएमसीजी क्षेत्र में निवेश घटाने का सुझाव दिया है। इसके अलावा हम कुछ हद तक दीर्घावधि के नजरिये से आईटी और केमिकल शेयरों पर सकारात्मक हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज अपनी सिर्फ 20 प्रतिशत आय एफऐंडओ सेगमेंट से प्राप्त करती है। वह इस सेगमेंट पर ज्यादा सतर्क क्यों है?
हम एफऐंडओ ट्रेडिंग से जुड़े जोखिम से अवगत हैं। हमने ऐसा रास्ता चुना है जो हमारे ग्राहकों के लिए लाभकारी है, खासकर उनके लिए, जो पहली बार बाजार में प्रवेश करते हैं। हमने रिलेशनशिप मैनेजरों को गैर-जरूरी निवेश योजनाओं के पीछे भागने से रोकने के लिए डेरिवेटिव ब्रोकरेज आय के लिए कर्मचारी इंसेंटिव में 50 प्रतिशत तक की कमी की है।