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दो साल के दमदार रिटर्न के बाद उतार पर भारतीय बाजार, बीएसई सेंसेक्स 4.8% कमजोर हुआ

बीएसई-200 सूचकांक के दो-तिहाई शेयरों में पिछले एक महीने में 20 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट आई है। लंबी अवधि के लिए यह खरीदारी का अच्छा मौका है

Last Updated- October 02, 2025 | 11:03 PM IST
Stock market

करीब दो साल तक निवेशकों को दहाई में रिटर्न देने के बाद भारतीय शेयर बाजार को झटका लगा है। बीएसई का सेंसेक्स सितंबर 2025 तक के 12 महीनों में 4.8 प्रतिशत कमजोर हुआ है। यह एक दशक से भी अधिक समय में इसका सबसे खराब सालाना प्रदर्शन है।

इसकी तुलना में इससे एक साल पहले यानी सितंबर 2024 को समाप्त वर्ष के दौरान यह सूचकांक 28.1 प्रतिशत बढ़ा था और सितंबर 2023 को समाप्त 12 महीनों के दौरान इसमें 14.6 प्रतिशत की तेजी आई थी। इस प्रकार पिछले छह वर्षों में से तीन में, सितंबर के अंत तक इस सूचकांक ने निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न यानी घाटा दिया है।

सेंसेक्स में गिरावट के मुकाबले समूचे शेयर बाजार में कहीं ज्यादा कमजोरी आई है। बीएसई-200 सूचकांक की लगभग दो-तिहाई कंपनियों (इंडेक्स में शामिल 196 कंपनियों में से 130) के शेयरों की कीमत सितंबर 2025 को समाप्त वर्ष के दौरान गिरीं और एक-चौथाई से ज्यादा (196 में से 55 कंपनियां) की कीमत इस अवधि में 20 प्रतिशत या उससे अधिक लुढ़कीं।। दूसरे शब्दों में, इक्विटी बाजार में गिरावट चौतरफा रहा है और पिछले एक साल में लगभग सभी इक्विटी पोर्टफोलियो पर इसका असर हुआ है।

बाजार में गिरावट का एक फायदा यह है कि इससे शेयरों के भाव अपने 2024 के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से नीचे आ गए हैं। लंबे समय में रिटर्न और निवेश के समय इक्विटी मूल्यांकन के बीच सकारात्मक संबंध होता है। कई ब्लूचिप शेयरों का अपेक्षाकृत कम इक्विटी मूल्यांकन दीर्घावधि निवेशकों को खरीद के लिहाज से अच्छा अवसर मुहैया कराता है।

यहां बीएसई-200 सूचकांक के 10 ऐसे शेयर लिए गए हैं, जिनके शेयर भाव और इक्विटी मूल्यांकन में पिछले 12 महीनों में दो अंक की गिरावट आई है। इसके अलावा ये शेयर कम मूल्यांकन, हाल की तिमाहियों में अच्छी कमाई और नेटवर्थ पर अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न का अच्छा कॉम्बिनेशन देते हैं। इससे निवेशकों को नुकसान से बचने में मदद मिलती है और जब बाजार धारणा सकारात्मक होती है तो उन्हें अच्छा रिटर्न भी मिलता है।

First Published - October 2, 2025 | 10:57 PM IST

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