facebookmetapixel
RBI MPC बैठक आज से, दिवाली से पहले मिलेगा सस्ते कर्ज का तोहफा या करना होगा इंतजार?NSE Holidays 2025: अक्टूबर में 3 दिन शेयर बाजार में नहीं होगा कारोबार, 2 अक्टूबर को भी बंद रहेगी मार्केट; नॉट कर लें डेटनए ​शिखर पर सोना-चांदी; MCX पर गोल्ड ₹1.14 लाख के पारअब QR स्कैन कर EMI में चुका सकेंगे अपने UPI पेमेंट्स, NPCI की नई योजनाTata Capital IPO: खत्म हुआ इंतजार, ₹317-₹326 प्राइस बैंड तय; इस दिन से कर सकेंगे आवेदनStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरुआत, सेंसेक्स 140 अंक ऊपर; निफ्टी 24700 के पारStocks to Watch Today: Tata Motors से Oil India तक, निवेश, ऑर्डर और नियुक्तियों के साथ ये कंपनियां रहेंगी फोकस मेंInd vs Pak: भारत ने जीता एशिया कप 2025, लेकिन खिलाड़ियों ने ट्रॉफी लेने से किया इनकारAsia Cup 2025: एशिया कप भारतीय क्रिकेट टीम के नाम, फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को पांच विकेट से पटकाViasat देगी सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नया आकार! भारत में स्टार्टअप के साथ मिनी जियोसैटेलाइट बनाने के लिए कर रही बातचीत

भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद

बुनियादी ढांचे और कॉरपोरेट क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय में वृद्धि से बढ़ावा मिलेगा

Last Updated- December 04, 2023 | 11:30 PM IST
State bond yields harden on heavy supply and weak investor demand

भारत का कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार पिछले वित्त वर्ष के 43 लाख करोड़ रुपये से दोगुना बढ़कर वित्त वर्ष 2030 तक 100 से 120 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार के हर साल करीब 9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दशक में उच्च क्षमता का उपयोग, कंपनियों की बेहतर बही और सकारात्मक आर्थिक परिदृश्य के कारण बुनियादी ढांचा और कॉरपोरेट क्षेत्रों के पूंजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि की भी उम्मीद है।

इन क्षेत्रों का पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2023 से 2027 के बीच 110 लाख करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद है। यह पिछले पांच वित्त वर्षों की तुलना में 1.7 गुना अधिक है। पूंजीगत व्यय की यह गति वित्त वर्ष 2027 के बाद भी बरकरार रहने की उम्मीद है।

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक सोमशंकर वेमुरी ने कहा, ‘यह वृद्धि विभिन्न कारणों से है। बुनियादी ढांचे और कॉरपोरेट बॉन्ड क्षेत्रों में बड़े पूंजीगत व्यय, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बॉन्ड निवेशकों की बढ़ती रुचि और खुदरा ऋण में मजबूत वृद्धि होने से बॉन्ड आपूर्ति को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही घरेलू बचत से भी मांग बढ़नी चाहिए। इसकेअलावा नियामकीय हस्तक्षेप भी मददगार साबित हो सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऋण जोखिम प्रोफाइल, रिकवरी संभावनाओं और दीर्घकालिक प्रकृति में सुधार होने के कारण बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियां आकर्षक निवेश विकल्प के रूप में उभर रही हैं। फिलहाल, मात्रा के हिसाब से वार्षिक कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने में बुनियादी ढांचे का हिस्सा सिर्फ 15 फीसदी है। नीतिगत उपायों से इसे जारी करने की उम्मीद बढ़ती है।

रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि खुदरा ऋण वृद्धि की गति आगे भी बरकरार रहेगी। बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए एक महत्त्वपूर्ण फंडिंग स्रोत के रूप में काम करने वाले बॉन्ड बाजार से खुदरा ऋण प्रवाह के लिए रकम जुटाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

 

First Published - December 4, 2023 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट