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इक्विटी फंडों की परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी का असर वितरकों के कमीशन में उछाल

डायरेक्ट प्लान्स की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद म्युचुअल फंड वितरकों की आय में वृद्धि, वित्त वर्ष 2024 में 14,850 करोड़ की कमाई

Last Updated- September 04, 2024 | 11:05 PM IST
Mutual Fund

म्युचुअल फंडों में निवेश के तहत बिना कमीशन वाले डायरेक्ट प्लानों के रफ्तार पकड़ने के बावजूद वितरण का कारोबार वृद्धि की अपनी राह जारी रखे हुए है। वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 2,500 बड़े म्युचुअल फंड वितरकों ने बतौर कमीशन 14,850 करोड़ रुपये हासिल किए और ज्यादातर बड़े वितरकों ने अपनी आय में तेज बढ़ोतरी दर्ज की।

वित्त वर्ष 2023 में एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया ने अग्रणी 1,781 वितरकों की कमीशन आय 12,071 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2022 में 1,544 वितरकों ने 10,420 करोड़ रुपये कमाए थे। अग्रणी फंड वितरकों के मुताबिक आय में बढ़ोतरी इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का नतीजा है।

आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि मजबूत आर्थिक पृष्ठभूमि ने ज्यादा निवेशकों को इक्विटी बाजार में आकर्षित किया है और कई निवेशक फंड वितरकों के जरिये बाजार तक पहुंचने का विकल्प चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कमीशन में बढ़ोतरी भारतीय परिवारों की निवेश प्राथमिकता में बदलाव को दर्शाती है और धीरे-धीरे यह डेट से इक्विटी की ओर जा रहा है। मार्च 2024 तक इक्विटी आवंटन 11 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी पर पहुंच गया वहीं डेट या जमा आवंटन 34.9 फीसदी से 33.5 फीसदी रह गया।

वितरकों को कमीशन योजनाओं में उनके क्लाइंटों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों पर दिया जाता है। ऐसे में भुगतान में बढ़ोतरी अंतर्निहित परिसंपत्तियों की कीमतों में बढ़ोतरी और वितरकों की तरफ से लाए गए निवेश दोनों के बारे में बताती है। वित्त वर्ष 24 के दौरान इक्विटी बाजार में काफी तेजी आई और बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स करीब 29 फीसदी चढ़ा।

उद्योग निकाय एम्फी चुनिंदा वितरकों की वितरण आय के आंकड़े जारी करता है और ये प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों की सीमा, शाखाओं की संख्या और अर्जित कमीशन पर आधारित होते हैं। मार्च 2024 के आखिर में उद्योग में 2.67 लाख वितरक थे, जिसमें व्यक्तिगत वितरक, बैंक, वितरण फर्म और उनके कर्मचारी शामिल हैं। व्यक्तिगत वितरण सेगमेंट ने पिछले एक साल में तेज वृद्धि दर्ज की है जो उद्योग में नई प्रतिभाओं के आने का संकेत है। उनकी संख्या मार्च 2024 में 1,56,698 हो गई जो एक साल पहले 1,35,104 रही थी।

जुलाई के आखिर में म्युचुअल फंड वितरकों की व्यक्तिगत निवेशकों की कुल एयूएम में 78 फीसदी हिस्सेदारी थी। उनका एयूएम 31.6 लाख करोड़ रुपये था जबकि डायरेक्ट प्लान के तहत निवेश चैनल में 9 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां थीं। हालांकि कुल एयूएम में रेग्युलर प्लान की हिस्सेदारी 58 फीसदी रही क्योंकि ज्यादातर संस्थान फंडों में सीधे निवेश करते हैं।

म्युचु्अल फंडों की तरफ से वितरकों को दिया जाने वाला कमीशन डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान के खर्च अनुपात का अंतर होता है। पैसिव और डेट फंडों के मुकाबले इक्विटी योजनाओं में भुगतान काफी ज्यादा होता है। एनजे इंडिया इन्वेस्ट के लिए देश भर के 40,000 से ज्यादा वितरक राजस्व साझा करने के आधार पर काम करते हैं। वह सकल रूप से अग्रणी रही है।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 1,882 करोड़ रुपये कमाए जबकि इससे पिछले साल उसकी कमाई 1,539 करोड़ रुपये थी। उसकी औसत एयूएम 1.6 लाख करोड़ रुपये रहा है। एयूएम के लिहाज से सबसे बड़े वितरक भारतीय स्टेट बैंक ने 1,039 करोड़ रुपये अर्जित किए। पांच अग्रणी नामों में एचडीएफसी बैंक, प्रूडेंट कॉरपोरेट एडवाइजरी और ऐक्सिस बैंक शामिल हैं।

First Published - September 4, 2024 | 10:58 PM IST

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