facebookmetapixel
Vertis InvIT सार्वजनिक सूचीबद्ध होने पर कर रहा विचार, बढ़ती घरेलू पूंजी को साधने की तैयारी2025 में रियल एस्टेट का मिला-जुला प्रदर्शन: आवासीय कमजोर, ऑफिस मजबूतकच्चे माल के महंगे होने से वाहन और ऑटो पार्ट्स कंपनियों के मार्जिन पर बढ़ेगा दबावटाटा स्टील की डच इकाइयों पर 1.4 अरब यूरो का पर्यावरणीय मुकदमामल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स से भारत में कारोबार बढ़ाएगी डीपी वर्ल्डटाइटन ने लैब-ग्रोन डायमंड बाजार में रखा कदम, ‘beYon’ ब्रांड लॉन्चभारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पार

तेजी के तूफान में सबमें उफान

अप्रैल के लिए चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात 1.59 है जो मई 2009 के बाद नहीं देखा गया था

Last Updated- April 22, 2025 | 10:22 PM IST
Share Market
प्रतीकात्मक तस्वीर

बाजार की मौजूदा तेजी में करीब-करीब सभी शेयरों में मजबूती आई है और इस तेजी में चढ़ने वाले शेयरों ने गिरने वाले शेयरों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इनके बीच अंतर 16 साल में सबसे ज्यादा हो गया है। अप्रैल 2025 के लिए चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात अभी 1.59 है जो मई 2009 के बाद नहीं देखा गया था। हालांकि बाकी बचे छह कारोबारी सत्रों और मौजूदा वैश्विक उतार-चढ़ाव के बाद इस महीने चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अंतिम अनुपात काफी अलग रह सकता है।

इस महीने बीएसई में सूचीबद्ध 2,752 शेयर 28 मार्च के अपने-अपने स्तर से ऊपर कारोबार कर रहे हैं जबकि 1,731 शेयरों का कारोबार नीचे हो रहा है। इससे बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का मजबूत अनुपात जाहिर होता है जबकि वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता से ज्यादातर बाजार पस्त हो रहे हैं। अक्टूबर के बाद से लंबे समय तक चली बिकवाली के बाद चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सुधरा है। फरवरी का अनुपात मार्च 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर चला गया था।

इक्विनॉमिक्स के सह-संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, सितंबर से हमने एक तीव्र और व्यापक गिरावट देखी है जिसमें कई शेयरों में अभूतपूर्व कमजोरी आई है। ऐसे स्तरों से वापसी स्वाभाविक रूप से इन शेयरों में मजबूत गति को बढ़ावा देती है। बेंचमार्क सूचकांक जून के बाद 7 अप्रैल को सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे, उसके बाद यह तेज बदलाव आया है। तब से सेंसेक्स और निफ्टी में 10 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई है।

वैश्विक बाजारों में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा है। यह आशावाद इस कारण उपजा है कि अमेरिका को भारत का वस्तु निर्यात सीमित है और इसलिए वह वैश्विक व्यापार उथल-पुथल से बचा रहेगा। अमेरिका को यह वस्तु निर्यात सकल घरेलू उत्पाद का करीब एक फीसदी है। देश के वृहद आर्थिक माहौल को तेल की गिरती कीमतों, कमजोर अमेरिकी डॉलर और ब्याज दरों में और कटौती की उम्मीदों से फायदा मिल रहा है।
हालांकि सभी सेक्टरों ने बढ़त में योगदान दिया है। लेकिन बैंकिंग शेयर सबसे आगे रहे हैं। जमा दरों में कटौती के बाद मार्जिन में सुधार की उम्मीदों के कारण बैंक निफ्टी इंडेक्स इस महीने के निचले स्तर से 13 फीसदी उछला है। एफआईआई की वापसी ने भी इस व्यापक बढ़त को सहारा दिया है।

एफपीआई ने पिछले सप्ताह 14,670 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे अमेरिकी व्यापार नीति संबंधी चिंताओं और भारतीय कंपनियों की कमजोर आय के कारण लंबे समय से चल रही बिकवाली पर लगाम लगी। अमेरिकी टैरिफ में छूट के बाद नए सिरे से जोखिम उठाने के बीच शॉर्ट कवरिंग और वैश्विक इक्विटी में तेजी ने भी इसमें योगदान दिया। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने व्यापार वार्ता में शामिल देशों को अतिरिक्त टैरिफ पर 90 दिन की छूट मिली है जबकि 10 फीसदी बुनियादी आयात शुल्क बरकरार रखा है।

नवंबर 2024 के बाद मार्च में पहली बार चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात 1 को पार करते हुए 1.05 पर पहुंच गया और तब से इसने रफ्तार पकड़ी है। बाजार की आगे की दिशा और मजबूत की स्थिरता अमेरिकी व्यापार वार्ता के परिणामों और भारत में कंपनियों की आय सीजन पर निर्भर करेगी।

चोकालिंगम ने कहा, बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कम हो सकता है क्योंकि जरूरत से ज्यादा बिकवाली के स्तरों से ज्यादातर रिकवरी हो चुकी है। आगे की बढ़त के लिए नए संकेतकों की आवश्यकता होगी। अच्छे मॉनसून, मुद्रास्फीति में कमी और बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि अहम होगी।

First Published - April 22, 2025 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट