भारतीय बाजार नियामक सेबी ने स्टॉक ब्रोकर्स के लिए बनाए गए निवेशक चार्टर में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। इसका मकसद निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाना, वित्तीय जानकारी को आसान बनाना और शिकायत निवारण को अधिक प्रभावी बनाना है।
सेबी ने हाल ही में ऑनलाइन विवाद निपटान (ODR) प्लेटफॉर्म और SCORES 2.0 जैसी नई सुविधाएं शुरू की हैं, जिससे निवेशकों की शिकायतों का समाधान जल्दी हो सके। इन्हीं नए बदलावों को ध्यान में रखते हुए निवेशक चार्टर को और बेहतर बनाया जा रहा है।
इस नए चार्टर में यह साफ किया जाएगा कि ब्रोकर्स निवेशकों को कौन-कौन सी सेवाएं देंगे और उन सेवाओं को पूरा करने में कितना समय लगेगा। इसमें निवेशकों के लिए जरूरी नियम और सावधानियां (DOs और DON’Ts) भी शामिल किए जाएंगे, ताकि वे शेयर बाजार में सतर्कता और समझदारी से निवेश कर सकें। इसके अलावा, यदि कोई ब्रोकरेज फर्म वित्तीय संकट में आती है या बंद हो जाती है, तो निवेशकों को उनके दावों के निपटान की पूरी जानकारी दी जाएगी।
सेबी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि सभी ब्रोकर्स अपनी वेबसाइट पर निवेशकों की शिकायतों का डेटा प्रकाशित करें और यह दिखाएं कि सालभर में कितनी शिकायतें दर्ज हुईं और कितनी का समाधान हुआ।
इसके साथ ही, ब्रोकर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि निवेशक इस चार्टर के बारे में जानें। इसके लिए उन्हें इसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करना होगा, अपने ऑफिस में प्रमुख जगह पर लगाना होगा और खाता खोलने के समय निवेशकों को इसकी एक कॉपी ईमेल या पत्र के जरिए भेजनी होगी। साथ ही, सभी ब्रोकर्स को अपनी वेबसाइट पर हर महीने की 7 तारीख तक शिकायतों और उनके समाधान की जानकारी अपडेट करनी होगी।
इससे पहले भी, दिसंबर 2021 में सेबी ने स्टॉक ब्रोकर्स के लिए एक निवेशक चार्टर जारी किया था, जिसमें निवेशकों के अधिकार, ब्रोकर्स की सेवाएं, KYC प्रक्रिया, खाता खोलने के नियम और शिकायत निवारण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया था। अब इसे और अधिक प्रभावी और उपयोगी बनाया जा रहा है।
सेबी ने इस प्रस्ताव पर 17 फरवरी तक सुझाव मांगे हैं। (PTI के इनपुट के साथ)