facebookmetapixel
पीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारीपीयूष गोयल फरवरी में कनाडा जा सकते हैं, व्यापार समझौते पर फिर होगी बातचीतसीपीएसई ने वित्त वर्ष 2025 में CSR पर 31% अधिक खर्च कियाVertis InvIT सार्वजनिक सूचीबद्ध होने पर कर रहा विचार, बढ़ती घरेलू पूंजी को साधने की तैयारी2025 में रियल एस्टेट का मिला-जुला प्रदर्शन: आवासीय कमजोर, ऑफिस मजबूतकच्चे माल के महंगे होने से वाहन और ऑटो पार्ट्स कंपनियों के मार्जिन पर बढ़ेगा दबावटाटा स्टील की डच इकाइयों पर 1.4 अरब यूरो का पर्यावरणीय मुकदमामल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स से भारत में कारोबार बढ़ाएगी डीपी वर्ल्डटाइटन ने लैब-ग्रोन डायमंड बाजार में रखा कदम, ‘beYon’ ब्रांड लॉन्चभारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछाल

रेलिगेयर में गवर्नेंस पर इनगवर्न ने जताई चिंता

इनगवर्न का कहना है कि प्रताप वेणुगोपाल की दोहरी भूमिका से गवर्नेंस पर मौलिक सवाल उठते हैं।

Last Updated- July 13, 2025 | 10:03 PM IST
रेलिगेयर को बर्मन के ओपन ऑफर पर काम करने का आदेश, Religare ordered to work on Burman's open offer

इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (आरईएल) में गवर्नेंस को लेकर संभावित खामियां, उसकी स्वास्थ्य बीमा शाखा केयर हेल्थ इंश्योरेंस (सीएचआईएल) में अघोषित हितों के टकराव और पूर्व चेयरमैन रश्मि सलूजा को दिए गए इम्पलॉई स्टॉक ऑप्शंस (ईएसओपी) की वापसी को लेकर लगातार अस्पष्टता पर चिंता जताई है।

इनगवर्न का कहना है कि प्रताप वेणुगोपाल की दोहरी भूमिका से गवर्नेंस पर मौलिक सवाल उठते हैं। वे आरईएल के बाहरी कानूनी सलाहकार के साथ-साथ केयर हेल्थ इंश्योरेंस में स्वतंत्र निदेशक भी थे।

फर्म का तर्क है कि इस व्यवस्था के कारण आरईएल की नामांकन और पारिश्रमिक समिति (एनआरसी) की स्वतंत्रता से समझौता हुआ है और ऐसा लगता है कि विवाद पर डिस्क्लोजर को पारदर्शी रूप से नहीं बताया गया।

रेलिगेयर ने ईमेल के जवाब में कहा, आईआरडीएआई ने आदेश जारी कर सलूजा को ईसॉप्स जारी करने को अवैध ठहराया था। केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने सलूजा के निर्देशों पर सैट के समक्ष अपील दायर की थी, जो उस समय कंपनी के निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी अध्यक्ष थी। सलूजा को बोर्ड से हटाए जाने के बाद कंपनी ने अपील वापस लेने का फैसला किया। हम आगे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि इन मसलों की आंतरिक रूप से जाँच की जा रही है।

जुलाई 2024 में बीमा नियामक आईआरडीएआई ने केयर हेल्थ पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था और उसे 45.32 रुपये प्रति शेयर की दर से दिए गए 75.7 लाख ईसॉप्स वापस खरीदने और बाकी 151.4 लाख  को रद्द करने का आदेश दिया था। इनगवर्न की रिपोर्ट में कहा गया है कि केयर हेल्थ के 80 फीसदी से अधिक ईसॉप्स सलूजा को आवंटित किए गए थे जो कंपनी की शेयर पूंजी का 2.5 फीसदी हैं और जिनकी लागत अंततः आरईएल के शेयरधारकों ने उठाई। स्वीकृत शेयरों की कीमत उस 110 रुपये प्रति शेयर की आधी से भी कम थी जिस पर आरईएल ने बाद में इक्विटी जुटाई थी। इससे निष्पक्षता पर संदेह पैदा हुआ था। 

 

First Published - July 13, 2025 | 10:03 PM IST

संबंधित पोस्ट