नकदी संकट में फंसी वोडाफोन आइडिया का 18,000 करोड़ रुपये का एफपीओ 18 अप्रैल को आवेदन के लिए खुल रहा है। हालांकि एंकर श्रेणी में यह 16 अप्रैल को खुल गया है।
वोडाफोन आइडिया एफपीओ के प्रमुख उद्देश्यों में मौजूदा 4जी ढांचे को मजबूत बनाना, नए 4जी और 5जी टावरों की स्थापना और दूरसंचार विभाग के लिए स्पेक्ट्रम से संबधित कुछ खास रुके भुगतान का निपटान करना मुख्य रूप से शामिल हैं। लेकिन अहम सवाल यह है कि क्या कंपनी के प्रतिस्पर्धियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की तेज वृद्धि को देखते हुए आपको वोडाफोन आइडिया के एफपीओ पर दांव लगाना चाहिए या नहीं?
रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने अपनी ग्राहक वृद्धि और 5जी पेशकश में लगातार इजाफा दर्ज किया है। विश्लेषकों का कहना है कि एफपीओ के जरिये नई पूंजी आने से वोडाफोन आइडिया का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकता है। कंपनी को वित्तीय मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अपने प्रतिस्पर्धियों के विपरीत, कंपनी को ग्राहक आधार में लगातार गिरावट से जूझना पड़ा है।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट में परिसंपत्ति प्रमुख शिवानी नियति ने कहा, ‘संभावित वित्तीय संकट 2026 में गहराएगा, जब वोडाफोन आइडिया को 4 अरब डॉलर तक स्पेक्ट्रम और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया चुकाना होगा। 15-17 प्रतिशत की छूट के बावजूद कंपनी के लिए अल्पावधि राहत की राह अनिश्चित दिख रही है।’
वोडाफोन एफपीओ खरीदने की कोशिश कर रहे निवेशकों के लिए शिवानी का सुझाव है कि उन्हें अपना पैसा लगाने से पहले उपयुक्त कारकों पर सतर्कता से विचार करना चाहिए।
सीएनआई रिसर्च में प्रबंध निदेशक किशोर ओस्तवाल भी भविष्य में निवेशकों को वोडाफोन आइडिया के शेयर से मिलने वाले प्रतिफल पर आशंकित हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी का बिजनेस मॉडल इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए अच्छा नहीं है कि कंपनी के पास 5जी और 6जी तकनीक के लिए हमेशा धन की कमी रहेगी।
ओस्तवाल ने कहा, ‘यह शेयर ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला है। इसलिए आप 20-30 प्रतिशत प्रतिफल के लिए ज्यादा जोखिम के साथ इसमें प्रवेश कर सकते हैं। लेकिन बुनियादी आधार पर, मेरा सुझाव इससे परहेज करने का है। कई बेहतर विकल्प हैं, जिनमें आपको बढ़िया प्रतिफल मिल सकता है।’
परिचालन के मोर्चे पर, वोडाफोन आइडिया पिछले एक साल के दौरान 1.7 करोड़ वायरलेस ग्राहक पहले ही गंवा चुकी है, जिनमें 10 लाख ग्राहक अकेले जनवरी 2024 के महीने में दूर हुए थे। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, इसके विपरीत, रिलायंस जियो ने जनवरी 2024 में करीब 42 लाख वायरलेस ग्राहक जोड़े, जबकि भारती एयरटेल ने 7.5 लाख ग्राहक शामिल किए।
एक विश्लेषक ने कहा, ‘बाजार में भविष्य में बाजार भागीदारी बढ़ाने के लिए वोडाफोन आइडिया की क्षमता के संबंध में बाजार में आशंकाएं बनी हुई हैं। खराब स्थिति में, छोटे निवेशकों को सीमित वृद्धि की आशंका का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पूरी तरह से कमजोर परिदृश्य में सरकारी स्वामित्व 80 प्रतिशत से अधिक हो सकता है।’ कैलेंडर वर्ष 2024 में अब तक वोडाफोन आइडिया का शेयर 24.1 प्रतिशत गिरा है, जबकि बीएसई के सेंसेक्स में करीब 1 प्रतिशत की तेजी आई है।