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क्या आपने भी की है 2023 के बाद SIP? एक्सपर्ट्स की बताई ये बातें जरूर जान लें

ICICI प्रूडेंशियल AMC के एस नरेन की चेतावनी—मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश करने वालों को हो सकता है कम रिटर्न। एक्सपर्ट्स की राय जानें और समझदारी से करें निवेश।

Last Updated- February 17, 2025 | 4:23 PM IST
SIP

ICICI प्रूडेंशियल AMC के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर एस नरेन ने हाल ही में मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में SIP करने वालों को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने कहा कि 2023 के बाद शुरू हुई SIPs से आने वाले सालों में अच्छे रिटर्न की उम्मीद न रखें। नरेन का कहना है कि इन स्टॉक्स की कीमतें बहुत ज्यादा हो चुकी हैं, कंपनियों की कमाई की तुलना में उनका बाजार मूल्य काफी ऊंचा है और बाजार की रफ्तार भी अब सुस्त पड़ रही है। अगर आपने हाल ही में इन फंड्स में SIP शुरू की है, तो आपको उम्मीद से कम रिटर्न मिल सकता है।

मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में निवेश – सोने की खान या खतरे की घंटी?

फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की कीमतें अभी काफी ज्यादा हैं। सेबी-रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार दीपेश राघव का कहना है, “मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स का वैल्यूएशन 2023 के अंत से ही ऊंचा बना हुआ है। बाजार कभी भी स्थिर नहीं रहता, लेकिन इन सेक्टर्स में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है।”

हालांकि, कुछ फंड मैनेजर्स का मानना है कि सितंबर 2024 के बाद बाजार में आई गिरावट से ज्यादा वैल्यूएशन का असर थोड़ा कम हुआ है। डीएसपी म्यूचुअल फंड के इक्विटी हेड विनीत संब्रे कहते हैं, “फिर भी, निवेश के लिए यह कोई सुनहरा मौका नहीं है, क्योंकि कंपनियां भी सतर्क हैं और ग्लोबल बाजारों में अनिश्चितताएं बनी हुई हैं।”

बड़े फंड साइज और कम लिक्विडिटी का खतरा

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि फंड का आकार (AUM) चिंता का विषय नहीं है, लेकिन लिक्विडिटी जरूर एक चुनौती है। संब्रे कहते हैं, “मिडकैप कंपनियों की मार्केट कैप अब ₹33,000 करोड़ से ₹1 लाख करोड़ के बीच आ गई है, जिससे निवेश के अवसर बढ़े हैं।”

हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में बड़े कैप की तुलना में लिक्विडिटी कम होती है और बाजार गिरने पर स्थिति और बिगड़ सकती है। स्मॉलकैप फंड्स के लिए यह खतरा ज्यादा है, क्योंकि इनमें निवेशित कई कंपनियों के शेयर ज्यादा ट्रेड नहीं होते, जिससे निकासी मुश्किल हो सकती है।

SIP जारी रखें या रोक दें?

जो निवेशक मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश कर रहे हैं, वे ऊंचे स्तरों पर यूनिट्स खरीद रहे हैं। ऐसे में उनके लिए लंबे समय तक निवेश बनाए रखना जरूरी होगा, तभी उन्हें अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं। फाइनेंशियल प्लानर विशाल धवन कहते हैं, “अगर आपकी रिटायरमेंट में अभी 15-20 साल बाकी हैं, तो SIP जारी रखना सही होगा। लेकिन अगर 5 साल में आपको पैसे चाहिए, तो आपको अच्छा रिटर्न मिलना मुश्किल हो सकता है।”

बाजार में गिरावट के बावजूद एसआईपी क्यों जारी रखें?

मिडकैप इंडेक्स अपनी पिछली ऊंचाई से 18% नीचे है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 20% से ज्यादा गिर चुका है। अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो निवेशकों को कम कीमत पर शेयर खरीदने का मौका मिलेगा, जिससे लॉन्ग टर्म में फायदा हो सकता है। इसके अलावा, बाजार से बाहर निकलना आसान होता है, लेकिन सही समय पर दोबारा प्रवेश करना मुश्किल होता है। राघव कहते हैं, “जब बाजार गिरता है, तो निवेशक और गिरावट का इंतजार करते हैं, लेकिन जब अचानक तेज रिकवरी होती है, तो वे निवेश से चूक जाते हैं।”

इक्विटी पोर्टफोलियो में रीबैलेंसिंग जरूरी

अगर निवेशकों का मिडकैप और स्मॉलकैप में एक्सपोजर जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है, तो उन्हें अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करना चाहिए। सिक्रीबॉक्स के सीईओ अतुल शिंगल कहते हैं, “अगर मिडकैप फंड्स में 20% और स्मॉलकैप फंड्स में 10% का अलॉटमेंट था, और यह ज्यादा बढ़ गया है, तो कुछ निवेश को लार्जकैप फंड्स में शिफ्ट करना चाहिए।”

अगर निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव को झेल सकते हैं और घबराहट में सेलिंग नहीं करेंगे, तो उन्हें निवेश जारी रखना चाहिए। विशाल धवन कहते हैं, “जो लोग धैर्यपूर्वक निवेश कर सकते हैं, वे लंबी अवधि के लिए मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में बने रह सकते हैं।”

First Published - February 17, 2025 | 4:14 PM IST

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