इंडियन गैस एक्सचेंज (आईजीएक्स) पर प्राकृतिक गैस का औसत मूल्य अप्रैल, 2021 के बाद दोगुने से ज्यादा हो गया है। सितंबर, 2021 में इसका कारोबार 13.8 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) पर हो रहा है। इससे पता चलता है कि बाजार में हाजिर गैस की मांग ज्यादा है और वैश्विक बाजार की तर्ज पर इसके दाम बढ़ सकते हैं।
इंडियन गैस एक्सचेंज द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल, 2021 में गैस की बिक्री का भारित औसत मूल्य 6.1 डॉलर प्रति एमबीटीयू था। कीमतें हर महीने लगातार बढ़ी हैं और अगस्त, 2021 के अंत तक 12.5 प्रति एमबीटीयू पर पहुंच गईं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में कीमत, जो पहले ही पिछले महीने से ज्यादा है, में तेजी बरकरार रहेगी।
एशिया में प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और यह यूरोप में जाड़े के मौसम में और बढऩे की संभावना है, जब हरीकेन और मैक्सिको की खाड़ी में कम उत्पादन की वजह से आपूर्ति मे कमी होगी। आईडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक मोहित कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अमेरिका और यूरोप में गैस भंडारण पिछले 5 साल के औसत भंडारण के स्तर से कम है। हेनरी हब में गैस की कीमतें 5.20 डॉलर प्रति एमबीटीयू के नए स्तर पर है। स्थानीय एक्सचेंजों में उच्च कीमतें अंतरराष्ट्रीय मूल्य को चिढ़ा रही हैं।’
जुलाई, 2021 में अधिकतम कारोबार 3,98,550 एमबीटीयू दर्ज किया गया। भारित औसत मूल्य भी इस महीने दो अंकों पर पहुंच गया और यह 10.4 डॉलर प्रति एमबीटीयू रहा। आपूर्ति शृंखला में बाधा के कारण कोयले की कमी और बिजली वितरण कंपनियों पर बहुत ज्यादा दबाव की वजह से महंगी दरों पर गैस आधारित बिजली संयंत्रों से बिजली की खरीद हुई है।
पिछले वित्त वर्ष की तुलना में आईजीएक्स पर मात्रा के हिसाब से भी कारोबार बढ़ा है। वित्त वर्ष 2020-21 में खरीद की कुल मात्रा 1,93,700 एमबीटीयू रही। वित्त वर्ष 2021-22 के सितंबर, 2021 तक यह 498 प्रतिशत बढ़कर 1,140,450 एमबीटीयू तक पहुंच गई।
ईवाई इंडिया में तेल व गैस कंसल्टिंग प्रैक्टिस के लीडर गौरव मोडा ने कहा, ‘अगर आप मांग सेग्मेंट देखें तो गैस आधारित बिजली संयंत्र में सबसे ज्यादा खपत है और दूसरे स्थान पर औद्योगिक उपभोक्ता आते हैं, जो कोयला व प्राकृतिक गैस दोनों का निजी बिजली संयंत्रों में इस्तेमाल करते हैं।
अन्य सेग्मेंट में रिफाइनर, फर्टिलाइजर और सेरेमिक कंपनियों के अलावा अन्य क्षेत्र शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि निजी इस्तेमाल के बिजली संयंत्र वाले (जो पहले सिर्फ कोयले से चलते थे) उनमें से करीब 10-20 प्रतिशत अब दोनों ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे ईंधन बदल सकते हैं और ऐसे में वे हाजिर बाजार से खरीद सकते हैं। आईजीएक्स में मात्रा व मूल्य में बढ़ोतरी उल्लेखनीय है, लेकिन इसका असर सिर्फ सेरेमिक विनिर्माण जैसे खास उद्योगों पर ही पड़ा है। इसकी वजह यह है कि भारत में बिकने वाली ज्यादा प्राकृतिक गैस प्रशासित मूल्य व्यवस्था के तहत आती है।
इसके मूल्य में 1 अक्टूबर से बढ़ोतरी होने की संभावना है। ओएनजीसी और ओआईएल के अधिकारियों के मुताबिक उनके लिए गैस की कीमत 50 प्रतिशत बढ़ सकती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी वजह से देश भर में कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (सीएनजी) और पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) की कीमतों में 10 से 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
इस समय घरेलू गैस की कीमत 1.78 डॉलर प्रति एमबीटीयू है। उच्च दाब, उच्च ताप, गहरे पानी और बहुत ज्यादा गहरे पानी वाले क्षेत्रों (जिन्हें कठिन खोज कहते हैं) से मिलने वाली गैस की अधिकतम बिक्री मूल्य 3.62 डॉलर प्रति एमबीटीयू रखने की अनुमति दी गई है।