facebookmetapixel
बांग्लादेश की पूर्व पीएम Sheikh Hasina को मौत की सजा, कोर्ट ने तख्तापलट के दौरान लोगों की हत्या का दोषी मानाLIC की इस योजना के जरिए महिलाएं घर बैठे कर सकती हैं कमाई, हर महीने मिलेंगे ₹7000Tata Stock में बड़ी गिरावट का अलर्ट! Q2 नतीजों के बाद ब्रोकरेज ने दी SELL की सलाह, जानें वजहSBI ने बनाया इतिहास! ₹9 ट्रिलियन क्लब में एंट्री; ब्रोकरेज बोले- ₹1120 तक जाएगा भाव!रूस के ट्रेड पार्टनर्स पर US लगा सकता है 500% टैरिफ, नए बिल को ट्रंप का समर्थन; भारत पर क्या होगा असर?23% गिर सकता है टायर कंपनी का शेयर, Q2 नतीजों के बाद मोतीलाल ओसवाल की बेचने की सलाहआपका Aadhaar Card कब और कहां हुआ इस्तेमाल? UIDAI की इस ट्रिक से मिनटों में चेक करें पूरी हिस्ट्रीबाजार खुलते ही 10% चढ़ गया ड्रोन कंपनी का शेयर, ₹107 करोड़ के आर्डर से निवेशकों में खरीदने की होड़Saudi Arabia bus accident: मदीना में दर्दनाक बस हादसा! कई भारतीयों के मारे जाने की आशंका; विदेश मंत्री ने जारी किया बयानभारत करेगा पहली बार US से LPG आयात! 2026 की 10% जरूरत एक ही डील में पूरी

FPI की भारतीय बाजार से निकासी जारी, फरवरी में अब तक 9,600 करोड़ रुपये निकाले

Last Updated- February 12, 2023 | 2:01 PM IST
INR vs USD

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजारों से पूंजी की निकासी जारी रखी है। अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय इक्विटी बाजार के ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए विदेशी निवेशक इस महीने अब तक 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं।

जनवरी में भी एफपीआई ने 28,852 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह पिछले सात महीनों में सबसे अधिक निकासी थी। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने दिसंबर 2022 में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश भारतीय बाजार में किया था।

आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से 10 फरवरी के बीच भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 9,672 करोड़ रुपये की निकासी की है। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के नीतिगत ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला जारी रखने से आगे भी एफपीआई का पूंजी प्रवाह अस्थिर ही रहने की आशंका है।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के सह निदेशक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, “मुझे लगता है कि पूंजी निकासी की यह प्रवृत्ति तब तक जारी रहेगी जब तक अदाणी मुद्दे पर अधिक स्पष्टता नहीं आती है, बाजार में अधिक स्थिरता आती है और एफपीआई को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के अधिक ठोस संकेत नजर आते हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों का तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्यांकन होना भी विदेशी पूंजी की इस निकासी का एक प्रमुख कारण है।

उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों से निकाली गई पूंजी को ताइवान, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे बाजारों में लगाया जा रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि चीन में सख्त लॉकडाउन हटाने के बाद से एक बार फिर विदेशी निवेशकों का ध्यान उधर गया है। कठोर लॉकडाउन लगाए जाने से चीनी बाजारों में तेजी से गिरावट आई थी जिससे वे मूल्य के लिहाज से अधिक आकर्षक हो गए हैं।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि विदेशी निवेशक वाहन एवं कलपुर्जा, निर्माण और धातु एवं खनन क्षेत्र के शेयरों में लिवाली कर रहे हैं जबकि वित्तीय सेवाओं में वे लगातार बिकवाली कर रहे हैं। वहीं आईटी शेयर भी उन्हें आकर्षित कर रहे हैं।

दूसरी ओर, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में भारतीय ऋण बाजारों में 2,154 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस महीने अब तक उभरते बाजारों में एफपीआई का प्रवाह मिलाजुला रहा है। भारत, थाईलैंड और फिलीपींस से विदेशी पूंजी की निकासी हुई जबकि दक्षिण कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया ने विदेशी निवेश आकर्षित किया।

First Published - February 12, 2023 | 2:01 PM IST

संबंधित पोस्ट