विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का निफ्टी फ्यूचर इंडेक्स में 1.8 अरब डॉलर का शॉर्ट पोजीशन 6 मार्च, 2020 के बाद सबसे ज्यादा रहा।
कोविड19 महामारी के प्रसार के बीच मार्च 2020 के दौरान निफ्टी में 23 फीसदी की गिरावट आई थी। FPI ने इंडेक्स फ्यूचर में न सिर्फ आक्रामकता के साथ शॉर्ट पोजीशन बनाया बल्कि उन्होंने एकल स्टॉक फ्यूचर में अपनी लॉन्ग पोजीशन की बिकवाली कर दी। यह जानकारी नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषण से मिली।
विशेषज्ञों ने कहा कि FPI ने बाजार में गिरावट से फायदा लेने के लिहाज से खुद को स्थापित कर लिया है। हालांकि अगर सेंटिमेंट सकारात्मक रहता है तो वे शॉर्ट पोजीशन कवर करने के लिए बाध्य होंगे, जिससे बाजार में उछाल आएगी।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के प्रमुख (ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च) अभिलाष पगारिया ने कहा, अगर इतिहास खुद को दोहराता है तो निफ्टी आसानी से 1,000 अंक टूट सकता है और कॉन्ट्रा दांव तेज उछाल होगी क्योंकि एफपीआई ने इंडेक्स में काफी ज्यादा शॉर्ट किया है और एकल स्टॉक फ्यूचर में उनका कोई पोजीशन नहीं है। लेकिन तात्कालिक आधार पर तेज सुधार शायद ही देखने को मिलेगा।