विदेशी निवेश में मजबूती ने डॉलर इंडेक्स की चढ़त को कम कर दिया और डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 3 पैसा चढ़कर 81.96 पर बंद हुआ। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 81.99 पर टिका था। डीलरों ने कयास लगाया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने उतारचढ़ाव पर लगाम कसने के लिए हस्तक्षेप किया और भारतीय रुपये को 82 रुपये के आसपास बनाए रखने के लिए डॉलर की खरीदारी की।
डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान बढ़कर 101.06 पर पहुंच गया। डॉलर इंडेक्स छह अहम मुद्राओं के बास्केट की माप डॉलर की मजबूती के मुकाबले करता है। एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, आरबीआई प्रति डॉलर 81.95 के आसपास बाजार में था। अगले हफ्ते डॉलर के मुकाबले रुपया 81.80 से 82.20 के दायरे में रहेगा।
गुरुवार को डॉलर ने छह मुद्राओं के बास्केट के मुकाबले मजबूती प्रदर्शित की क्योंकि जो आंकड़े जारी हुए उससे संकेत मिला कि पिछले हफ्ते अमेरिकी नागरिकों की तरफ से बेरोजगारी के लाभ की खातिर जमा कराए गए नए दावों की संख्या में अप्रत्याशित गिरावट आई। इस प्रगति से उम्मीद बंधी कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रख सकता है ताकि अर्थव्यवस्था में सुदृढ़ता बनी रहे।
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इस बीच, सरकारी बॉन्डों ने नुकसान पलट दिया और दिन के निचले स्तर पर टिका क्योंकि ट्रेडरों ने मनोविज्ञान के लिहाज से अहम प्रतिफल स्तरों पर स्टॉकिंग की। 10 वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड शुक्रवार को 7.08 फीसदी पर टिका। 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल दिन के उच्चस्तर 7.10 फीसदी को छू गया था, जो अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिफल में बढ़ोतरी को ट्रैक कर रहा था। डीलरों ने यह जानकारी दी।
अमेरिकी प्रतिफल बढ़कर 3.85-3.86 फीसदी तक पहुंच गया, ऐसे में प्रतिफल 7.10 फीसदी तक चढ़ गया था। इसके बाद 7.08-7.09 फीसदी के प्रतिफल के करीब आक्रामकता से म्युचुअल फंडों ने खरीद की क्योंकि उनका मानना है कि यहां से प्रतिफल गिर सकता है।