facebookmetapixel
Air India Express PayDay Sale: दिवाली धमाका! एयर इंडिया एक्सप्रेस दे रही फ्लाइट टिकट सिर्फ ₹1200 सेVijay Rally Stampede: CM स्टालिन ने पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का किया ऐलानVijay Rally Stampede: तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 36 लोगों की मौत, कई घायलPowergrid ने बिजली आपूर्ति मजबूत करने के लिए 705 करोड़ रुपये के दो बड़े प्रोजेक्ट को दी मंजूरीन्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों ने व्यापार पर टैरिफ पाबंदियों को बताया गलत, संयुक्त बयान में आतंकवाद की भी निंदाPM मोदी ने ओडिशा से ‘स्वदेशी’ BSNL 4G किया लॉन्च, 97,500 से ज्यादा टावरों का किया उद्घाटनUNGA में एस जयशंकर ने ब्रिक्स मंत्रियों के साथ की बैठक, वैश्विक व्यापार और शांति को लेकर हुई चर्चाUpcoming IPOs next week: अगले हफ्ते मार्केट में IPO और लिस्टिंग की बौछार, निवेशकों के लिए खुलेंगे अवसरHDFC बैंक की दुबई शाखा पर DFSA का प्रतिबंध, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग पर रोकडिफेंस PSU को सेना से मिला ₹30,000 करोड़ का तगड़ा आर्डर, मिसाइल सिस्टम ‘अनंत शस्त्र’ बनाएगी कंपनी

इंफ्रा शेयरों की बुनियाद हिली

Last Updated- December 07, 2022 | 5:40 AM IST

कुछ समय पहले तक निवेशकों के भरोसे का प्रतीक माने जा रहे इंफ्रास्ट्रक्चर  शेयरों की बुनियाद हिल गई है।


ये पिछले 52 सप्ताहों में अपने सर्वोच्च बिंदु से करीब 65 फीसदी तक नीचे आ चुके हैं। इंफ्रा शेयरों के कारोबार पर निगाह रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि कंपनियों के मूल कारोबार और उससे  जुड़ी गतिविधियों में लागत बढ़ने के कारण ही इनमें यह गिरावट आई है।

जयप्रकाश एसोसिएट्स, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, एचसीसी, पुंज लॉयड, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन, गेमन इंडिया, आईवीआरसीएल इंफ्रास्ट्रक्चर आदि सभी अहम इंफ्रा कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई है। इंफ्रा कंपनियों की इनपुट लागत में 80 फीसदी हिस्सा स्टील, सीमेंट और बिटुमिन का है।

विश्लेषक कहते हैं इन कमोडिटीज की बढ़ी कीमतों ने  इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों पर लागत का दबाव बढ़ाया है। पिछले साल के मुकाबले स्टील की कीमतें बढ़कर दोगुना हो गई हैं। इस दौरान सीमेंट की कीमतों में 30 से 40 फीसदी बढ़ीं तो कच्चे तेल के बायप्रॉडक्ट बिटुमिन की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके दाम 135 डॉलर प्रति बैरल हो जाने से काफी बढ़ गई हैं। फिनक्वेस्ट सिक्योरिटीज में एक विश्लेषक रूपा शाह ने बताया कि यह लागत लगातार बढ़ती जा रही है।

कंपनियों को भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और अन्य संस्थानों से मिले ऑर्डर को पूरा करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इनमें से अधिकांश सरकार के ही ठेके हैं, जिनकी लागत में बदलाव की गुंजाइश बहुत ज्यादा उम्मीद  नहीं हैं।

मुंबई की एक प्रमुख सिक्योरिटीज फर्म के विश्लेषक का कहना है कि पूंजी के लिहाज से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बेहद संवदेनशील हैं। इनके लिए इक्विटी और उधार दोनों जरियों से धन जुटाने में मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। यह इन कांट्रेक्ट को पूरा करने की राह में रोड़ा बन रहा है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि एफआईआई और म्युचुअल फंडों के पास सभी शेयर सीमा से अधिक थे। वे अब इससे पिंड छुड़ा रहे हैं। इसी कारण इन शेयरों पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है।

First Published - June 13, 2008 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट