वायदा एवं विकल्प सेगमेंट में रोजाना का औसत कारोबार सितंबर में 537 लाख करोड़ रुपये की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इसमें मासिक आधार पर 7.2 फीसदी का इजाफा हुआ। नकदी सेगमेंट में रोजाना का औसत कारोबार हालांकि 4 फीसदी घटकर 1.3 लाख करोड़ रुपये रह गया।
एफऐंडओ सेगमेंट में वॉल्यूम में बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि बाजारों में पिछले महीने स्थिर प्रदर्शन देखने को मिला। बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स करीब 4 फीसदी चढ़ा जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों ने माह की समाप्ति सितंबर में मामूली बदलाव के साथ की।
आने वाले समय में हालांकि वायदा एवं विकल्प में वॉल्यूम नियामक की सख्ती के कारण घट सकता है। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को ऐलान किया कि वह ट्रेडरों के इसमें उतरने पर सख्ती बढ़ाएगा, साप्ताहिक एक्सपायरी की संख्या घटाएगा और मार्जिन के अग्रिम संग्रह की दरकार होगी।
20 नवंबर से छह में से तीन कदम लागू होंगे जबकि दो 1 फरवरी से और पोजीशन सीमा की इंट्राडे निगरानी 1 अप्रैल से लागू होगी। इसके अलावा सेबी ने डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए शेयरों के चयन के पात्रता मानक में बदलाव किया है। नया नियम डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए ज्यादा लिक्विड शेयरों को पात्र बनाने के लक्ष्य से उठाया गया है और इससे 182 शेयरों में बदलाव होगा, जो अभी एफऐंडओ ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं।