भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने तकनीकी खामी पेश आने की स्थिति में मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) पर जुर्माना लगाने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। एमआईआई में स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशंस और डिपॉजिटरीज आते हैं। बाजार नियामक द्वारा जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि तकनीकी खामियां होने की स्थिति में इन संस्थानों एवं इनके शीर्ष अधिकारियों का हर्जाना देना होगा।
सेबी के परिपत्र में कहा गया है, ‘एमआईआई वित्तीय तंत्र के महत्त्वपूर्ण संस्थान होते हैं क्योंकि वे प्रतिभूति बाजार के निर्बाध रूप से काम करने के लिए आवश्यक ढांचा एवं माध्यम प्रदान करते हैं। एक तय अवधि तक सेवाएं बहाल नहीं होने या तकनीकी खामी जारी रहने की स्थिति में नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी तय करनी जरूरी है। नुकसान की भरपाई के लिए एमआईआई और प्रबंध निदेशक और मुख्य तकनीक अधिकारी पर जुर्माना लगाना जरूरी है। इन कड़े प्रावधानों के बाद एमआईआई और इसके संबंधित अधिकारी अपनी सेवाएं चाक-चौबंद रखने पर पूरा ध्यान देंगे और जरा सी खामी दिखने पर तत्काल जरूरी कदम उठाएंगे।’
तकनीकी खामियों की जांच रिपोर्ट सौंपने में देरी होने पर रोजाना इन संस्थानों को 1 लाख रुपये का हर्जाना देना होगा। सेबी ने कहा है कि किसी तरह की तकनीकी खामी पेश होने के बाद एमआईआई को 21 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस बीच, समय रहते तकनीकी खामी दूर करने में देरी होने पर पर पहले दिनों तक रोजाना 2 लाख रुपये की दर से भुगतान करना होगा। उसके बाद 15 दिन तक रोजाना 3 लाख रुपये और 30 दिनों के बाद 25 लाख रुपये देने होंगे।
दिशानिर्देशों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के भीतर तकनीकी खामी की सूचना नहीं देने पर एमआईआई को पिछले दो वित्त वर्षों के शुद्ध मुनाफे के औसत का 10 प्रतिशत या 2 करोड़ रुपये भुगतान करना होगा। प्रबंध निदेशक और मुख्य तकनीकी अधिकारी में प्रत्येक को खामी का पता चलने पर संबंधित वित्त वर्ष में अपने सालाना वेतन से 10 प्रतिशत हिस्से का भुगतान करना होगा। परिचालन दोबारा शुरू करने में असफल रहने पर एमआईआई और प्रबंध निदेशक और मुख्य तकनीकी अधिकारी दोनों पर इतना ही जुर्माना लगाया जा सकता है। तीन घंटे में महत्त्वपूर्ण प्रणाली बहाल नहीं हुई तो उस हालत में और जुर्माना लगाया जा सकता है। सेबी ने कहा कि कारोबार में बाधा (बड़ी तकनीकी बाधा को छोड़कर) आने की स्थिति में अगर एमआईआई 75 मिनट के भीतर परिचालन बहाल करने में सफल नहीं हुए तो 50 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा और 3 घंटे की देरी होने पर यह राशि बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो जाएगी। फरवरी 2020 में एनएसई में तकनीकी खामी के बाद कारोबार प्रभावित होने के बाद से सेबी ने अपना रुख कड़ा कर लिया है।