नई पीढ़ी के निवेशकों ने भारी उत्साह के साथ मोबाइल फोन के जरिए शेयर ट्रेडिंग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, जिसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी के बाद हुआ सामाजिक बदलाव है।
नकदी बाजार के टर्नओवर में मोबाइल फोन के जरिए होने वाला कारोबार जून 2019 के 5.3 फीसदी के मुकाबले जून 2022 में बढ़कर 18.7 फीसदी पर पहुंच गया। बीएसई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। एनएसई पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी जून 2022 में 19.5 फीसदी रही।
एनएसई की रिपोर्ट में कहा गया है, इंटरनेट आधारित ट्रेडिंग ने मार्च 2020 के बाद से रफ्तार पकड़ी है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से खुदरा भागीदारी में इजाफे के कारण ऐसी ट्रेडिंग बढ़ी है।
एक्सचेंज ने हालिया न्यूजलेटर में कहा है, खुदरा निवेशकों व ट्रेडरों ने अपने घर से सीधे इक्विटी में ट्रेड के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरू किया है।
उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा, ज्यादातर युवा निवेशक सक्रिय ट्रेडर बन रहे हैं और स्मार्टफोन के व्यापक प्रसार व डेटा के कम शुल्क इस प्रवृत्ति को मजबूती दे रहे हैं।
5पैसा कैपिटल के सीईओ प्रकाश गगडानी ने कहा, हमारे 70 से 75 फीसदी ग्राहक नई पीढ़ी के हैं और वे ट्रेड कर रहे हैं। जब से हमने कारोबार शुरू किया है, मोबाइल ऐप का योगदान कुल कारोबार में 70 फीसदी रहा है।
आसानी से खाता खुलना मोबाइल ट्रेडिंग में बढ़ोतरी के मामले में अहम है। आधार ने डीमैट खाता बिना किसी परेशानी के खोलना आसान बना दिया है।
गगडानी ने कहा, जिस तरह की बढ़त हम देख रहे हैं, उसके लिए आधार के जरिए खाता खुलना उत्प्रेरक की तरह रहा है। इशसे पहले ग्राहकों को कम से कम 16-17 हस्ताक्षर आवेदन फॉर्म पर करने होते हैं और फॉर्म के साथ संलग्न किए जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्वप्रमाणित करना होता है। आधार के जरिए खाता खोलने पर ये प्रक्रियाएं नहीं अपनानी पड़ती।
विशेषज्ञों ने कहा, चूंकि निवेशकों ने डिजिटल माध्यम तेजी से अपनाया है और ब्रोकिंग समुदाय ने तकनीक में ज्यादा निवेशकिया है,ऐसे में डीलरों के जरिये आने वाला वॉल्यूम मोबाइल की ओर शिफ्ट कर गया है क्योंकि महामारी के बाद डीलिंग रूम में कर्मियों की उपलब्धता सीमित हो गई है।
चूंकि उद्योग का तकनीक पर खर्च बढ़ा है, ऐसे में वे कर्मचारी लागत पर बचत में सक्षम हुए हैं।
येस सिक्योरिटीज के एमडी व सीईओ ई. प्रशांत प्रभाकरण ने कहा, पिछले 10 साल में कर्मियों की संख्या घटकर 10 फीसदी रह गई है और वॉल्यूम दोगुने से ज्यादा हो गया है। हम रिलेशनशिप मैनेजर के बड़े नेटवर्क के बिना ऐसा कर पाए क्योंकि तकनीक उपलब्ध थी। उस समय तक फोन नकनदी बाजार में ट्रेडिंग का तरजीही माध्यम बन गया था।
इससे पहले क्लाइंट ब्रोकर के कंप्यूटर टु कंप्यूटर लिंक सिस्टम का इस्तेमाल ऑर्डर के लिए करते थे और वह भी डीलरों की मदद से। संस्थागत निवेशक और हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडर कोलोकेशन सुविधा का इस्तेमाल एक्सचेंजों पर बड़े ऑर्डर में करते हैं।
बड़े फायदे
मोबाइल ट्रेडिंग ने ट्रेडिंग की लागत काफी कम करने में मदद की है क्योंकि इसने ऑर्डर के लिए किसी व्यक्ति पर आश्रित होने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। चूंकि किसी व्यक्ति के लिए कार्य की एक सीमा होती है, ऐसे में जब ब्रोकरेज के कर्मी के जरिए ऑर्डर दिए जाते हैं तब गलत ट्रेड काफी ज्यादा होते हैं।
इसके अतिरिक्त, चूंकि डीलर ट्रेड की सिफारिश करते हैं, ऐसे में क्लाइंटों को नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है।
अब चूंकि ग्राहक खुद ही मोबाइल पर ट्रेड करते हैं, ऐसे में अपने ब्रोकर के साथ चिपके रहने की संभावना ज्यादा होती है जबकि उनकी तरफ से होने वाला लेनदेन कम ही क्यों न हो।