प्रवर्तन निदेशालय ने आज क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स, उसके निदेशकों- निश्चल शेट्टी और समीर हनुमान म्हात्रे को 2,790 करोड़ रुपये के क्रिप्टो लेनदेन में विदेशी मुद्रा कानूनों के कथित उल्लंघन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। किसी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के खिलाफ इस तरह की यह पहली कार्रवाई है।
क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा अपने प्लेटफॉर्म के जरिये काले धन को सफेद किए जाने एवं अन्य अवैध गतिविधियों में इन्हें इस्तेमाल किए जाने के संदेह में प्रवर्तन निदेशालय उन पर नजर रखे हुए है। निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एजेंसी को सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि विदेशी मुद्रा नियमों का पालन नहीं हो रहा है और कैसे उपयोगकर्ता क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने में कर रहे हैं। इस महीने ऐसी ही कार्रवाई कुछ अन्य क्रिप्टो एक्सचेंजों और उनके कार्याधिकारियों के खिलाफ होने के आसार हैं।’
वजीरएक्स के मामले में निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत नोटिस भेजा है। यह नोटिस चीन के नागरिकों के स्वामित्व वाली अवैध ऑनलाइन जुआ ऐप्लिकेशन की धनशोधन जांच के बाद भेजा गया है। ईडी ने कहा, ‘जांच के दौरान पाया गया कि दोषी चीनी नागरिकों ने आपराधिक कार्यों से प्राप्त 57 करोड़ रुपये की रकम सफेद बना दी। उन्होंने भारतीय रुपये में जमा राशि को क्रिप्टो करेंसी टीथर (यूएसडीटी) में बदल दिया और फिर विदेश से प्राप्त निर्देशों के आधार पर केमैन आईलैंड में पंजीकृत बाइनैंस वॉलेट में भेज दिया।’
मगर एक्सचेंज ने कहा कि उसे अभी ईडी से कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी के बयान के बाद इसने ट्वीट किया, ‘वजीरएक्स सभी लागू कानूनों का पालन कर रहा है। हम नो योर कस्टमर (केवाईसी) और धन शोधन रोकथाम प्रक्रिया का पालन कर अपनी कानूनी जिम्मेदारियों से आगे बढ़कर काम करते हैं। जब भी हमसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने कोई सूचना मांगी है, वह हमने मुहैया कराई है।’
एक्सचेंज ने कहा, ‘हम आधिकारिक पहचान सूचना से अपने प्लेटफॉर्म पर सभी उपयोगकर्ताओं का पता लगाने में सक्षम हैं। जब हमें ईडी की तरफ से औपचारिक सूचना या नोटिस मिलेगा तो हम जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे। आपकी धनराशि वजीरएक्स में निश्चित रूप से सुरक्षित है।’
वजीरएक्स ने कथित रूप से क्रिप्टोकरेंसी में व्यापक लेनदेन को मंजूरी दी, जिनमें क्रिप्टो का रुपये में और रुपये का क्रिप्टो में विनिमय भी शामिल है।
