इस साल भारतीय कंपनियों द्वारा शेयर बाजार से जुटाई गई राशि उनके वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में तेजी से गिरी है। लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप की हिस्सा रही ट्रैकर रिफाइनिटिव के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने साल 2023 के पहले चार महीनों (जनवरी से अप्रैल) में प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) से 29.4 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।
आईपीओ के जरिये कंपनियां पहली बार लोगों से धन जुटाती हैं और अपने शेयरों की बिक्री के लिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करती हैं।
साल 2023 में अभी तक भारतीय आईपीओ से जुड़ी रकम पिछले वर्ष की इसी अवधि में जुटाए गए 1.5 अरब डॉलर से 80 फीसदी कम है। इसकी तुलना में वैश्विक बाजारों ने 36 फीसदी की गिरावट देखी है। विशेषज्ञों के अनुसार इस कैलेंडर वर्ष में रकम जुटाने की गतिविधि में तेज गिरावट का कारण वैश्विक अनिश्चितता और मूल्यांकन में गिरावट है।
सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर-इक्विटी कैपिटल मार्केट्स प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘वैश्विक कारकों और बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण बाजार अनिश्चित हैं। बहुत सी कंपनियां अभी आईपीओ लाने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि उन्हें सही मूल्यांकन नहीं मिल रहा था जिसकी प्रवर्तकों को तलाश थी। निर्गम दस्तावेज जमा कराए जाने के बावजूद फिलहाल कंपनी पूंजी बाजार में नहीं उतरी है। हमारे प्राथमिक बाजारों में विकसित बाजारों जितनी गहराई नहीं है। कुछ निर्गम को निवेशकों से अच्छा समर्थन मिलने के बाद आईपीओ बाजार का परिदृश्य सुधरेगा।’
वैश्विक स्तर पर जुटाई गई राशि में भारत की हिस्सेदारी इस साल घटी
वैश्विक स्तर पर जुटाई गई राशि में भारत की हिस्सेदारी इस साल घटकर 0.9 फीसदी रह गई है। पिछले पांच वर्षों में यह औसतन 2.9 फीसदी के करीब है। 2017 के 6.1 फीसदी के बाद 2022 में यह हिस्सा सर्वाधिक 5.2 फीसदी था।
कुछ लोगों का मानना है कि एंटरप्राइजेज कंटेंट मैनेजमेंट (ईसीएम) गतिविधियों से वापसी होगी क्योंकि कंपनियां अपने निर्गम लाने की तैयारी में जुटी हैं।
ईवाई ग्लोबल की भारतीय फर्म में फाइनैंशियल अकाउंटिंग एडवाइजरी सर्विसेज लीडर, पार्टनर आदर्श रांका ने कहा, ‘वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की स्थिति बढ़िया है।
हालांकि, निर्गम गतिविधियां सुस्त बनी हुई हैं। कंपनियां इस अवधि का उपयोग अगले साल की शुरुआत में (आम चुनाव से पहले या फिर बाद में) बाजार में अपने निर्गम लाने के लिए बेहतर तैयारी कर रही हैं।’भारत और विदेश से रकम जुटाने में ईसीएम क्षेत्र अग्रणी रहा है।
साल 2023 में आईपीओ के जरिये जुटाई गई कुल रकम में हाईटेक कंपनियों की हिस्सेदारी 28.5 फीसदी रही। भारत में जुटाई गई कुल रकम में उनकी हिस्सेदारी 42.4 फीसदी है। औद्योगिक और सामग्री अन्य क्षेत्र हैं जो भारत और विदेश दोनों में शीर्ष पांच में शामिल थे।
बिजली एवं ऊर्जा क्षेत्र इसका अपवाद रहा। साल 2023 में कंपनियों द्वारा जुटाई गई रकम में इसकी हिस्सेदारी 18.6 फीसदी थी। वैश्विक स्तर पर सूचीबद्ध होने वाली प्रमुख कंपनियों में इंडोनेशिया की परटैमिना जियोथर्मल एनर्जी शामिल थी। वह फरवरी में 59.6 करोड़ डॉलर जुटाने के साथ ही सूचीबद्ध हुई थी।
भारतीय आईपीओ में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी शून्य रही।
साल 2023 में कुल 51 भारतीय कंपनियों ने पूंजी बाजार दस्तक दी है। इनमें लघु एवं मझोले उपक्रम भी शामिल थे। साल के पहले चार महीनों के दौरान वैश्विक स्तर पर 403 आईपीओ आए।