डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए औसत दैनिक कारोबार (एडीटीवी) नवंबर में लगातार दूसरे महीने कमजोर रहा, भले ही निफ्टी ने अक्टूबर 2022 से अपनी शानदार मासिक बढ़त दर्ज की है। इस बीच, संयुक्त नकदी बाजार का एडीटीवी मासिक आधार पर 5.2 प्रतिशत बढ़कर 75,913 करोड़ रुपये हो गया।
सितंबर में 89,747 करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद नकदी बाजार में औसत दैनिक कारोबार अक्टूबर में 20 प्रतिशत घट गया, क्योंकि बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल से बिकवाली बढ़ने से अस्थिरता को बढ़ावा मिला।
उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि बाजार ने नवंबर में तेज सुधार दर्ज किया, क्योंकि महीने के ज्यादातर समय बड़ी संख्या में निवेशक दूर बने रहे।
वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में एनएसई के लिए औसत दैनिक कारोबार मासिक आधार पर 2 प्रतिशत घटकर 311.7 लाख करोड़ रुपये रह गया, जबकि बीएसई के लिए यह 7.2 प्रतिशत बढ़कर 35.2 लाख करोड़ रुपये रहा। एफऐंडओ सेगमेंट में बीएसई की बाजार भागीदारी पहली बार 10 प्रतिशत पर पहुंच गई।
नकदी सेगमेंट में उसकी भागीदारी 7 प्रतिशत पर दर्ज की गई, जो अगस्त 2022 के 9.7 प्रतिशत के ऊंचे स्तरों से कम है। बीएसई का शेयर तेजी से चढ़ा है और यह तीन गुना से ज्यादा हो गया है।
मई 2023 तक, डेरिवेटिव सेगमेंट में बीएसई की बाजार भागीदारी लगभग शून्य थी। हालांकि सेंसेक्स और बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों के पुन: शुरू होने के बाद यह एक्सचेंज बाजार बड़े प्रतिस्पर्धी एनएसई के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
जेफरीज ने पिछले महीने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था, ‘डेरिवेटिव अब एक्सचेंज के लिए के लिए सबसे बड़ा राजस्व स्रोत बन गया है। इक्विटी निवेशक आधार में लगातार वृद्धि, डेरिवेटिव उपयोगकर्ताओं की ऊंची भागीदारी (मौजूदा समय में लगभग 10 प्रतिशत) और नई छोटी आकार की योजनाओं से डेरिवेटिव वृद्धि को मदद मिलन सकती है।’