मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। कई शेयरों में 5 फीसदी तक की बढ़त दर्ज हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, बीईएमएल, भारत डायनामिक्स, मझगांव डॉक, कोचीन शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स, पारस डिफेंस, आइडियाफोर्ज और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे शेयर 1% से 5% तक चढ़े।
NSE का निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स मंगलवार को दिन के कारोबार में 8,674.05 के साथ 52 हफ्तों का नया ऊपरी स्तर छू गया। सुबह 9:34 बजे तक यह इंडेक्स 1.4 फीसदी ऊपर था, जबकि निफ्टी 50 0.70 फीसदी गिरा हुआ था। यानी पूरे बाजार में गिरावट के बीच डिफेंस सेक्टर सबसे मजबूत नजर आया।
भारत डायनामिक्स (BDL), डेटा पैटर्न्स, गार्डन रीच और पारस डिफेंस जैसे शेयरों के दाम पिछले 3 महीनों में दोगुने से ज़्यादा हो चुके हैं। वहीं जेन टेक्नोलॉजीज़, सोलर इंडस्ट्रीज़, मिश्रा धातु निगम, अस्ट्रा माइक्रोवेव, बीईएमएल, मझगांव डॉक, आइडियाफोर्ज, एचएएल, बीईएल और कोचीन शिपयार्ड जैसे शेयरों में 65% से 95% तक की उछाल देखी गई है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत सरकार डिफेंस बजट में 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़ सकती है। इससे कुल रक्षा बजट 2025-26 में ₹7 लाख करोड़ के पार हो सकता है। इससे पहले 1 फरवरी को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेना के लिए रिकॉर्ड ₹6.81 लाख करोड़ का आवंटन किया था, जो पिछले साल के मुकाबले 9.2% ज़्यादा था।
भारत में अब तेजी से विदेशी आयात की जगह घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ाया जा रहा है। साथ ही डिफेंस कंपनियों को ज़्यादा स्वदेशी ऑर्डर मिल रहे हैं। सरकार की आत्मनिर्भर भारत नीति, DRDO की तकनीकी उपलब्धियां और अंतरराष्ट्रीय सहयोग इस दिशा में मदद कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में भारत की अपनी टेक्नोलॉजी ने अहम भूमिका निभाई, जो आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मिराए एसेट शेयरखान का मानना है कि सरकार डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए निजी कंपनियों और MSMEs को बराबरी का मौका देने पर जोर दे रही है। FDI की सीमा 74% तक बढ़ाना भी निवेश को बढ़ाएगा। इसके अलावा तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बने डिफेंस कॉरिडोर ने इंपोर्ट डिपेंडेंसी घटाने में बड़ी भूमिका निभाई है। विदेशी कंपनियां अब भारत में जॉइंट वेंचर के ज़रिए प्रोडक्शन शुरू करने की ओर बढ़ रही हैं।