घरेलू ऋण बाजार (domestic debt market) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का शुद्ध निवेश दिसंबर के दौरान 77 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। एफपीआई ने जुलाई, 2017 के बाद इतना अधिक निवेश किया है। बाजार के साझेदारों के मुताबिक दिसंबर में यूएस फेडरल रिजर्व के नरम रुख और घरेलू नीति के प्रभाव के कारण एफपीआई का निवेश निश्चित रूप से बढ़ा।
नैशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक ऋण खंड में दिसंबर दौरान के दौरान एफपीआई का निवेश 18,393 करोड़ रुपये था जबकि यह नवंबर में 14,106 करोड़ रुपये था।
बाजार के साझेदारों के मुताबिक जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत के बॉन्ड जून 2024 में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू होने से पहले कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही के दौरान ऋण खंड में शुरुआती चरण में पूंजी निवेश तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गोरा सेनगुप्ता के अनुसार, ‘सूचकांक में शामिल होने की प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष में जून अंत से शुरू होगी। बीते कुछ महीनों से निवेश बढ़ना शुरू हो चुका है। लिहाजा चौथी तिमाही में अधिक निवेश होना चाहिए।ये सक्रिय फंड बढ़ चढ़कर निवेश कर रहे हैं और मूलत सूचकांक के शामिल होने के मामले में बढ़त बनाए हुए हैं। इसका कारण यह है कि वह तब निवेश करना चाहते हैं, जब प्रतिफल अधिक है।’
जेपी मॉर्गन ने 22 सितंबर को अपने प्रमुख उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारत को शामिल करने की घोषणा की थी।