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स्ट्रीमिंग की जंग में नेटफ्लिक्स का अगला दांव: विलय, विज्ञापन और अस्तित्व की लड़ाई

वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को लेकर चल रही बोली की जंग दरअसल कहीं बड़ी अस्तित्व की लड़ाई को दर्शाती है

Last Updated- December 22, 2025 | 10:48 PM IST
Netflix and Warner bros

नेटफ्लिक्स ने 2007 में जब से स्ट्रीमिंग की दुनिया में कदम रखा है, इसने मीडिया उद्योग के स्थापित हर नियम को तोड़ दिया है। इसने अपने ओरिजिनल शो (जैसे ‘स्क्विड गेम’, ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ या ‘ब्रिजर्टन’) के पूरे सीजन एक ही बार में जारी किए और इनमें विज्ञापन भी नहीं रखे, फिर भी इसकी कीमत अमेरिका में केबल टीवी की एक-तिहाई से भी कम रखी। वर्ष 2024 में 30.2 करोड़ ग्राहकों और 3.9 अरब डॉलर के राजस्व के साथ, यह दुनिया का सबसे बड़ा इकलौता स्ट्रीमिंग खिलाड़ी है।

हालांकि, सिर्फ ‘भुगतान के आधार पर देखने’ वाले मॉडल के विकास की अपनी सीमाएं हैं। अब, जैसे-जैसे नेटफ्लिक्स अपना दायरा बढ़ाना चाहता है, वह उन पुरानी मीडिया कंपनियों जैसा होता जा रहा है जिन्हें उसने चुनौती दी थी। इसने विज्ञापनों के साथ वाले कार्यक्रम शुरू किए हैं और खेल जगत में भी उतर चुका है। इसके सह-मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ), अध्यक्ष और निदेशक टेड सारंडोस तो हॉलीवुड में चल रहे विलय के नाटक में भी एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

‘टाइटैनिक’, ‘फॉरेस्ट गंप’ और ‘मिशन इम्पॉसिबल’ जैसी फिल्मों को बनाने वाला और वर्ष2024 में 29 अरब डॉलर का राजस्व हासिल करने वाला फिल्म स्टूडियो पैरामाउंट स्काईडांस, अक्टूबर 2025 तक प्रतिद्वंद्वी वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (डब्ल्यूबीडी) को खरीदने के लिए तीन असफल बोलियां लगा चुका था। अंतिम बोली 58 अरब डॉलर की थी। जल्द ही नेटफ्लिक्स भी इस खेल में कूद पड़ा। उसने 5 दिसंबर को डब्ल्यूबीडी को 83 अरब डॉलर में खरीदने के सौदे की घोषणा कर दी। इसके ठीक दो दिन बाद, 8 दिसंबर को पैरामाउंट ने 108 अरब डॉलर की पेशकश के साथ कंपनी के अधिग्रहण के लिए आक्रामक तौर पर बोली लगाकर सनसनी मचा दी।

डब्ल्यूबीडी ने 2024 में 39 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व हासिल किया और यह एक बेहतरीन कंपनी है। इसके पास ‘द बिग बैंग थ्योरी’ जैसे बड़े हिट शो बनाने वाले टीवी स्टूडियो हैं, साथ ही ‘हैरी पॉटर’,‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’और हाल ही में ‘बार्बी’ जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्म स्टूडियो भी हैं। नेटफ्लिक्स के लिए इसका सबसे बड़ा आकर्षण शायद एचबीओ मैक्स है जिसने ‘गेम ऑफ थ्रोंस’, ‘द व्हाइट लोटस’ और अन्य प्रतिष्ठित शो दिए हैं। कुछ चीजें एक ही समय में हो सकती हैं लेकिन एचबीओ मैक्स के 12.8 करोड़ ग्राहक हर किसी को चाहिए। इसके अलावा वार्नर के लिनियर नेटवर्क जैसे टीएनटी और डिस्कवरी भी हैं। ये पैरामाउंट के साथ सौदे का हिस्सा थे, लेकिन नेटफ्लिक्स के साथ नहीं।

मीडिया पार्टनर्स एशिया की एक टिप्पणी के अनुसार, वार्नर की 2026 के लिए स्ट्रीमिंग और फिल्मों से अनुमानित आय (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले, या एबिटा ) 3.3 अरब डॉलर है। नेटफ्लिक्स इसके 25 गुना चुका रही है, और पैरामाउंट की नई पेशकश इसके 32 गुना है। इसकी तुलना कहीं अधिक बड़े डिज्नी से करें, जो अपने 19 अरब डॉलर के एबिटा के 11 गुना पर कारोबार कर रही है।

लगभग हर विश्लेषक और टिप्पणीकार इस सौदे के तर्क पर नहीं बल्कि इसकी कीमत पर सवाल उठा रहे हैं। पिछले दो दशकों में अधिकांश मीडिया विलय निराशाजनक रहे हैं और वास्तव में इससे ब्रांड और पूंजी ही नष्ट हुई है क्योंकि भले ही कागज पर तालमेल अच्छा दिखे, लेकिन कंपनियों की संस्कृति मेल नहीं खाती। मीडिया पार्टनर्स एशिया का कहना है कि अगर नेटफ्लिक्स जीतती है तो मान लीजिए कि उसने 59 अरब डॉलर का कर्ज जुटाने की तैयारी की है। अगर पैरामाउंट जीतती है तब वह भी बड़ी रकम जुटाएगी। ये दोनों कंपनियां इतनी ही राशि के आधे से भी कम में और प्रोग्रामिंग बौद्धिक संपदा (आईपी) और एक बड़ा कारोबार बनाने में सक्षम हैं। बेशक, अधिग्रहण चीजों की रफ्तार बढ़ा सकता है, लेकिन आखिर उसकी कीमत क्या होगी? आखिर यह लड़ाई किस बारे में है?

यह अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। पारंपरिक तौर पर लाभ देने वाले माध्यमों जैसे कि टीवी में गिरावट के बाद, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) सामग्री की धारा में प्रवेश, कर लागत और राजस्व को ध्वस्त कर देता है। तकनीकी-मीडिया ने सब कुछ निगल लिया है। जो खिलाड़ी अंत तक टिके रहेंगे, वे वही होंगे जिनका दायरा बड़ा होगा। मजे की बात यह है कि यह खेल नेटफ्लिक्स और स्ट्रीमिंग के साथ शुरू हुआ था और अब यह अपने पूरे जोर से खेला जा रहा है।

इस बारे में सोचिए। इंटरनेट और स्ट्रीमिंग ने मनोरंजन का लोकतंत्रीकरण किया है जिससे विशेष वर्ग के समूहों को मदद मिली है। लेकिन इसने वितरण और दर्शकों को इस हद तक एकीकृत कर दिया है कि यदि आपका शो/कहानी वैश्विक स्तर पर दर्शकों के समूहों में पसंद नहीं किया जाता है तो इसका सफल होना असंभव है। सबसे बड़े वितरण मंचों का स्वामित्व रखने वाली कंपनियां जैसे कि गूगल (यूट्यूब), मेटा (इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सऐप), एमेजॉन (प्राइम वीडियो/म्यूजिक), ऐपल ही मीडिया के खेल में राज करेंगे। यह लड़ाई दर्शकों और उनके खाली समय के लिए है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस देश, भाषा या प्रारूप में हैं। ऐसे में केवल वे कंपनियां ही प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं जिनके पास सामग्री का दायरा बड़ा है और वे एक तकनीकी इंजन है जो इसकी खोज और पूंजी के लिहाज से भुनाने की प्रक्रिया को संचालित करता है।

ऐपल टीवी पर ‘स्लो हॉर्सेज’, ‘टेड लासो’, ‘श्रिंकिंग’, ‘तेहरान’, ‘सेवरेन्स’, डाउन सेमेटरी रोड, बैड सिस्टर्स जैसे शो देखिए। ये इस साल के कुछ बेहतरीन शो हैं। हरेक शो शानदार ढंग से लिखा, इसमें बेहतरीन कास्टिंग की गई और इसे बनाया गया जिसने एक ऐसा मानक स्थापित किया है जिसकी बराबरी करना अधिकांश स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए मुश्किल होगा। विश्लेषकों का कहना है कि ऐपल टीवी कथित तौर पर प्रति वर्ष एक अरब डॉलर का नुकसान उठाता है। किसी भी 416 अरब डॉलर की कंपनी के लिए यह एक मामूली नुकसान है।

यह कारोबार का एक पहलू है। दूसरे छोर पर यूट्यूब, टिकटॉक और लाखों घंटों के वीडियो और शॉर्ट्स वाले अन्य मंच हैं। यूट्यूब 2.85 अरब से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ अब नया टीवी है और यह पारंपरिक मीडिया द्वारा दी जाने वाली हर सामग्री का थोड़ा-थोड़ा मिश्रण देता है। इससे मुकाबला करने के लिए बड़ा पैमाना महत्त्वपूर्ण है जिसे नेटफ्लिक्स और पैरामाउंट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, भले ही इसकी कीमत बहुत ज्यादा क्यों न हो।

अगर नेटफ्लिक्स और वार्नर मिलते हैं, तो यह लगभग 70 अरब डॉलर राजस्व वाला खिलाड़ी तैयार करता है। अगर पैरामाउंट और वार्नर मिलते हैं, तो यह आंकड़ा 79 अरब डॉलर होगा। मीडिया पार्टनर्स एशिया की टिप्पणी के अनुसार, इन दोनों में से कोई भी संयोजन, यूट्यूब (61 अरब डॉलर) और द वॉल्ट डिज्नी कंपनी (पार्कों को छोड़कर, 58 अरब डॉलर) से वैश्विक स्तर पर आगे निकल जाएगा। (ये आंकड़े सिर्फ स्ट्रीमिंग और स्टूडियो कारोबार से 2025 में होने वाली संभावित कमाई को दर्शाते हैं)। अब कल्पना कीजिए कि अगर ऐपल, एमेजॉन या मेटा जैसी बड़ी कंपनियां भी इस खेल में आ जाएं तो क्या हो सकता है।

इसमें इतना मसाला है कि एचबीओ के ‘सक्सेशन’ का एक नया संस्करण लिखना शुरू किया जा सकता है।

First Published - December 22, 2025 | 9:29 PM IST

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