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आकार घटाकर कंपनियां दोबारा जमा करा रहीं IPO दस्तावेज

IPO का आकार घटाने पर बैंकरों ने कहा कि छोटे इश्यू बाजार के लिए आसान होते हैं। यह फैसला तब लिया गया जब बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा था

Last Updated- August 01, 2023 | 10:08 PM IST
Mamata Machinery IPO

पहली कोशिश में अपने शेयर सूचीबद्ध‍ कराने में नाकाम रहने वाली कंपनियां अब दूसरी कोशिश में जुट गई हैं, लेकिन इस बार वे आईपीओ का आकार घटा रही हैं। हाल के महीनों में टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्युशंस, सूरज एस्टेट डेवलपर्स और ईएसएएफ स्मॉल फाइनैंस बैंक ने अपने इश्यू का आकार 20 से 60 फीसदी तक घटाने के बाद बाजार नियामक के पास विवरणिका का मसौदा (डीआरएचपी) दोबारा जमा कराया है।

निवेश बैंकरों ने कहा कि छोटे आकार का इश्यू संभावित निवेशकों तक पहुंचने के लिए अपेक्षाकृत आसान होता है। इसके अलावा आईपीओ का आकार घटाने का फैसला साल की शुरुआत में लिया गया जब बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा ता और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बिकवाली के मोड में थे।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक और निवेश बैंकिंग प्रमुख अजय सराफ ने कहा, इश्यू लाने वाली ज्यादातर कंपनियों के लिए प्राइस डिस्कवरी अनुमान के मुताबिक नहीं रही। ऐसे में बाजार के फीडबैक को प्रतिबिंबित करने के लिए इश्यू का आकार घटाना पड़ा।

पिछले कैलेंडर वर्ष में सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बेंचमार्क सूचकांक दिसंबर व मार्च के बीच 10 फीसदी तक गिरा। आईपीओ बाजार पर इसका असर पड़ा और सिर्फ पांच कंपनियां ही कैलेंडर वर्ष 2023 के पहले पांच महीने में अपने-अपने आईपीओ बाजार में उतार पाईं। इससे सेबी की एक साल की मंजूरी की अवधि भी समाप्त हो गई, जो नियामक से कई डीआरएचपी पर मिली थी। हालांकि बाजार में मार्च के निचले स्तर से काफी सुधार हुआ और एफपीआई का निवेश लौटा। कई कंपनियों का मानना है कि अब उनके पास बाजार में उतरने का सही मौका है।

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उदाहरण के लिए टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्युशंस ने फरवरी 2022 में 5,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए डीआरएचपी जमा कराया था। मई में कंपनी ने 1,500 करोड़ रुपये से कम के आईपीओ के लिए दस्तावेज दोबारा जमा कराए। कंपनी ने नए शेयर का हिस्सा 2,000 करोड़ रुपये से घटाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया।

इसी तरह सूरज एस्टेट डेवलपर्स ने अपने आईपीओ का आकार 500 करोड़ रुपये से घटाकर 400 करोड़ रुपये करते हुए दस्तावेज दोबारा जमा कराया। इसके अलावा ईएसएएफ स्मॉल फाइनैंस बैंक ने आईपीओ का आकार 1,000 करोड़ रुपये से घटाकर 630 करोड़ रुपये कर दिया और यह जानकारी निवेश बैंकिंग सूत्रों ने दी।

एसबीएफसी फाइनैंस का आईपीओ इस हफ्ते खुलने वाला है और उसने अपने इश्यू का आकार 1,600 करोड़ रुपये से घटाकर 1,000 करोड़ रुपये करने के बाद दोबारा डीआरएचपी जमा कराया था। टीवीएस सप्लाई व एसबीएफसी जैसी कुछ कंपनियों ने निजी नियोन के जरिए रकम जुटाए, जिससे उन्हें अपने इश्यू का आकार घटाने में मदद मिली।

ऐक्सिस कैपिटल के प्रबंध निदेशक (इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कवरेज) उमेश अग्रवाल ने कहा, हमने अपने क्लाइंटों को आईपीओ आकार घटाने की सहाल दी है। आईपीओ लाने वाली कई कंपनियां स्मॉल या मिडकैप क्षेत्र की हैं। मोटे तौर पर एफपीआई एक अरब डॉलर से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। 1,200 करोड़ रुपये तक के इश्यू के लिए विदेशी भागीदारी के बिना आईपीओ प्रबंधन किया जा सकता है।

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प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, वित्त वर्ष 21-22 में करीब 70 कंपनियों ने संचयी तौर पर 1.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास डीआरएचपी जमा कराए थे। हालांकि वित्त वर्ष 23 में सिर्फ 37 कंपनियां आईपीओ के जरिये 52,116 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रही।

इक्विरस के संस्थापक अजय गर्ग ने कहा, पिछले वित्त वर्ष के दौरान एफपीआई निवेश निकासी कर रहे थे और अगर हम एलआईसी को छोड़ दें तो आईपीओ के जरिये महज 30,000 करोड़ रुपये जुटाए गए। जो इश्यू अभी आ रहे हैं वे अपनी द्वितीयक बिक्रीका हिस्सा घटा रही है। डीआरएचपी दोबारा जमा कराने की प्रक्रिया इस साल शुरू हुई। मार्च से हमने एफपीआई की दिलचस्पी वापस देखी है और बाजार में तेजी भी देखने को मिली। हम अभी अच्छे जोन में हैं।

उन्होंने कहा, आईपीओ का आकार घटाने की प्रवृत्ति जारी रह सकती है। जो अभी डीआरएचपी जमा करा रही हैं या दोबारा जमा करा रही हैं, बाजार में उतरने के लिए अगले साल के शुरू में तैयार होगी, जब बाजार आम चुनाव के कारण उतारचढ़ाव भरे रह सकते हैं।

निवेश बैंकरों ने कहा कि बाजार में उतरने वाली कंपनियों ने न सिर्फ आईपीओ का आकार बल्कि मूल्यांकन भी घटाया है। यह कंपनियों व निवेशकों दोनों के लिए बेहतर है क्योंकि ज्यादातर हालिया सूचीबद्ध‍ता में पहले दिन काफी फायदा देखने को मिला है।

First Published - August 1, 2023 | 10:08 PM IST

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