जनवरी की शुरुआत के बाद पहली बार बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ डॉलर के पार चला गया है। यह रिकॉर्ड तोड़ पांच दिवसीय तेजी की बदौलत हुआ है। इन कारोबारी सत्रों में घरेलू फर्मों के बाजार मूल्य में लगभग 0.5 लाख करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई। हालांकि भारत का एमकैप 27 सितंबर को दर्ज किए गए 5.7 लाख करोड़ डॉलर के सर्वोच्च स्तर से 700 अरब डॉलर कम है।
पिछले एक सप्ताह में भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला प्रमुख बाजार बनकर उभरा है। यह आशावाद अमेरिका को सीमित माल निर्यात के कारण वैश्विक व्यापार व्यवधानों से भारत के अछूते होने से उपजा है जो सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1 फीसदी है। देश के वृहद आर्थिक माहौल को तेल की गिरती कीमतों, कमजोर अमेरिकी डॉलर और आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से भी लाभ मिल रहा है।
वैश्विक स्तर पर भारत अब ब्रिटेन और कनाडा को पीछे छोड़ते हुए पांचवें सबसे मूल्यवान बाजार पर काबिज हो गया है। उभरते बाजारों में यह सबसे महंगा है जो अपनी अनुमानित 12 महीने के आगे की आय के 21 गुना पर कारोबार कर रहा है और यह इसके 20 साल के औसत 17.5 गुने और औसत मंदी के 9.7 गुने से काफी ऊपर है। उधर, दक्षिण कोरिया, ताइवान और जापान जैसे बाजार औसत मंदी के मूल्यांकन के करीब कारोबार कर रहे हैं।