शेयर कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव के बीच कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट, दोनों में इक्विटी कारोबार मार्च में घट गया। कैश सेगमेंट के लिए औसत दैनिक ट्रेडिंग की मात्रा (एनएसई या बीएसई, संयुक्त रूप से) 16.3 प्रतिशत तक घटकर 1.07 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो नवंबर 2023 से सबसे कम है।
बाजार कारोबारियों का कहना है कि यदि महीने के दौरान आईटीसी, टीसीएस और इंडिगो जैसी कंपनियों में ब्लॉक डील नहीं हुए होते तो कारोबार में यह गिरावट और ज्यादा हो सकती थी। इस बीच, वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) कारोबार 5 प्रतिशत तक घटकर 460 लाख करोड़ रुपये (ऑप्शन के लिए अनुमानित कारोबार) रह गया। यह अक्टूबर 2022 के बाद से एफऐंडओ कारोबार में मासिक आधार पर सबसे बड़ी गिरावट थी।
बीएसईका एफऐंडओ कारोबार मासिक आधार पर 8.2 प्रतिशत तक बढ़कर 80 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि एनएसई के लिए यह मार्च में 7 प्रतिशत तक घटकर 380 लाख करोड़ रुपये रह गया। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताहों में शेयर कीमतों में बड़े उतार-चढ़ाव की वजह से कई कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ा।
मार्च में, निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक में 15 प्रतिशत उतार-चढ़ाव आया, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 9 प्रतिशत उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। हालांकि निफ्टी-50 सूचकांक 3.8 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के साथ काफी हद तक स्थिर रहा।