चॉइस ब्रोकिंग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में ऑटो कंपनियों ने मिली-जुली परफॉर्मेंस दी है। अब बाजार की पसंद सस्ती गाड़ियों से हटकर प्रीमियम सेगमेंट की तरफ बढ़ रही है। SUV गाड़ियों की मजबूत मांग से पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट में 4.1% की बढ़त दर्ज हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस दौरान शानदार 24.3% सालाना ग्रोथ दिखाई, जबकि छोटी कारों की बिक्री घटी है। यह दिखाता है कि ग्राहक अब ज्यादा फीचर्स और बेहतर लुक वाली गाड़ियों की तरफ झुक रहे हैं।
टू-व्हीलर (2W) सेगमेंट में 5.3% की बढ़त रही, जिसमें हाई इंजन कैपेसिटी वाली गाड़ियों की मांग ज़्यादा रही। रॉयल एनफील्ड (Eicher Motors) और TVS Motors जैसे ब्रांड्स को अच्छा रिस्पॉन्स मिला। कमर्शियल व्हीकल्स (CV) की बिक्री में भी 4.5% की बढ़त दिखी। इसके पीछे निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की रफ्तार और ग्रामीण मांग का सहारा रहा। चॉइस ब्रोकिंग की रिपोर्ट कहती है कि Q4FY25 में टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनियों की आमदनी में 10.3% और पैसेंजर गाड़ियों की कंपनियों की आमदनी में 12.7% की सालाना बढ़ोतरी हुई। हालांकि, पूरे सेक्टर के EBITDA मार्जिन में थोड़ी गिरावट आई है। ऑटो कंपोनेंट्स बनाने वाली कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। उनकी आमदनी में 16.8% की सालाना बढ़ोतरी हुई। FY26 में नए प्रोडक्ट लॉन्च की तैयारी और तकनीकी सुधार से इस सेगमेंट में आगे भी अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है।
चीन ने rare earth magnets, खासकर neodymium पर एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी है, जिससे भारत की EV और हाई-एंड गाड़ियों की कंपनियों को दिक्कत हो सकती है। इससे कच्चे माल की लागत बढ़ेगी, प्रोडक्शन धीमा होगा और डिलीवरी में देरी आ सकती है। कंपनियां अभी इन्वेंटरी बढ़ा रही हैं, लेकिन लंबे समय में उन्हें सप्लाई चेन में बदलाव और नई तकनीकों में निवेश करना होगा।
महिंद्रा ने Q4FY25 में 14% की सालाना आमदनी दर्ज की, जिसमें SUV और ट्रैक्टर सेगमेंट का अहम योगदान रहा। SUV बिक्री में 18% की बढ़त के साथ इसका मार्केट शेयर 22.5% तक पहुंच गया। EV सेगमेंट में भी कंपनी आगे बढ़ रही है। MEAL यूनिट ने पहला EBITDA प्रॉफिट दर्ज किया है और EV उत्पादन 5,000 यूनिट प्रति महीने तक पहुंच चुका है। ब्रोकरेज ने FY26 और FY27 के EPS अनुमान थोड़े घटाए हैं, लेकिन कंपनी की ग्रोथ और मार्केट हिस्सेदारी को देखते हुए ₹3,965 का टारगेट और BUY रेटिंग बरकरार रखी है।
Lumax ने IAC इंडिया में बाकी 25% हिस्सेदारी खरीद ली है, जिससे कंपनी को पूरी रणनीतिक और ऑपरेशनल कंट्रोल मिल गई है। FY25 में IAC इंडिया की आमदनी 35-40% बढ़ी और EBITDA मार्जिन 17-17.5% रहा। कंपनी के पास ₹13,000 करोड़ का ऑर्डर बुक है और FY26-27 में तेज़ ग्रोथ की उम्मीद है। EPS में सुधार और मजबूत ऑर्डर बुक को देखते हुए ब्रोकरेज ने टारगेट प्राइस ₹1,375 किया है और BUY रेटिंग दी है।
डिस्क्लेमर: यह खबर ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर है, निवेश संबंधित फैसले लेने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।