मुंबई के वर्ली और वडाला की टेक्सटाइल मिलों को फिर से विकसित करने को योजनाओं के बाद बॉम्बे डाइंग के शेयर पिछले हफ्ते 36 फीसदी चढ़ गए।
ए ग्रुप के शेयरों में यह दूसरा सबसे ज्यादा चढ़ने वाला शेयर रहा है और तीन कारोबारी दिनों में ही ये 606.60 रुपए से चढ़कर 823.25 रुपए पर पहुंच गया। बीएसई और एनएसई में इस स्टॉक का वॉल्यूम भी इस दौरान 15 गुना हो गया और यह 5.40 लाख शेयरों से चढ़कर 80.96 लाख शेयर हो गया।
कंपनी ने अपनी टेक्सटाइल मिल की नब्बे लाख स्क्वैयर फीट जमीन को फिर से विकसित करने के लिए एल ऐंड टी को 2000 करोड़ रुपए का ठेका दिया है। इसके लिए चार साल का समय तय किया गया है। कंपनी की यह योजना पूरी तरह से कॉमर्शियल होगी। इसमें रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और आईटी के लिए भी जगह रखी गई है।
इसमें कोई रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स नहीं होगा। लतिन मनहरलाल सिक्योरिटीज के टेक्निकल एनालिस्ट के मुताबिक दो महीने के समय के बाद पिछले हफ्ते शेयरों में भारी वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट आया है । तकनीकि शेयर अभी तेजी के दौर में है और कम अवधि में यह 875 रुपए तक जा सकता है और लंबी अवधि में यह 1150 रुपए तक जा सकता है।
दीप इंडस्ट्रीज में आई तेजी
दीप इंडस्ट्रीज के शेयर पिछले हफ्ते बीएसई में 11.73 फीसदी चढ़ गए। दरअसल चौथी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर आने से इसके शेयर के भाव पिछले हफ्ते 141.90 से चढ़कर 158.55 रुपए पर पहुंच गए।
कंपनी को चौथी तिमाही में 6.10 करोड़ की बिक्री पर 1.53 करोड़ का शुध्द मुनाफा हुआ। जबकि पिछले साल इसी दौरान इसे 2.20 करोड़ की बिक्री पर 0.60 करोड़ का नुकसान हुआ था। रेलिगेयर के एनालिस्ट के मुताबिक खासकर इनके इक्विपमेंट बढ़ने की वजह से इनके नतीजों में ये बदलाव आया।
हालांकि एनालिस्ट का कहना है कि इनके दो रिगों की आपूर्ति समय से न हो पाने की वजह से चौथी तिमाही में इनके नतीजे उम्मीद से कम ही रहे हैं। कंपनी के तिमाही मार्जिन घटे हैं, दिसंबर 2007 में ये 60.9 फीसदी पर थे जो मार्च 2008 में घटकर 47.5 फीसदी पर आ गया है। कंपनी के ऑपरेटिंग खर्चे बढ़ने से ही इसके मार्जिन में कमी आई है।