देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में तीव्र उछाल ने बुधवार को बाजारों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। साथ ही इस बढ़त को निजी क्षेत्र के बैंक शेयरों में बढ़ोतरी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की खरीदारी से सहारा मिला। सेंसेक्स 621 अंकों की बढ़त के साथ 78,674 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स ने 147 अंकों के इजाफे के साथ 23,869 पर कारोबार की समाप्ति की। दोनों ही सूचकांक इस महीने नौवीं बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए हैं। तेजी की रफ्तार को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही सेंसेक्स और निफ्टी क्रम से 80,000 व 24,000 के स्तर को छू लेंगे।
इस महीने अब तक दोनों सूचकांकों ने 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है और दिसंबर 2023 के बाद सबसे अच्छी मासिक बढ़त दर्ज करने की राह पर हैं। व्यापक बाजारों ने इस महीने उम्दा प्रदर्शन किया है और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 9.5 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में करीब 7 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आरआईएलका शेयर 4.1 फीसदी उछलकर 3,027.4 रुपये के नए रिकॉर्ड पर बंद हुआ और मुकेश अंबानी की अगुआई वाली फर्म का मूल्यांकन 20.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेंसेक्स और निफ्टी में दूसरा सबसे ऊंचा भारांक आरआईएल का है। इसलिए बुधवार की बढ़त में आधे से ज्यादा योगदान इसी का रहा। योगदान करने वाले अन्य अग्रणी शेयर रहे आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और ऐक्सिस बैंक और ये भी नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि यह बढ़ोतरी निवेशकों की मजबूत खरीदारी की बदौलत हुई जिनका झुकाव ब्लूचिप शेयरों की ओर रहा। आरआईएल की आगामी सालाना आम बैठक के दौरान बड़ी घोषणाओं की उम्मीदों ने भी बढ़त में योगदान दिया।
दूरसंचार दिग्गजों के शेयरों में बढ़ोतरी का कारण टैरिफ में वृद्धि की उम्मीद रही। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि लार्जकैप शेयरों में तेजी के बल पर देसी बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच गए जबकि लार्जकैप शेयरों का मूल्यांकन तुलनात्मक रुप से उचित है। इसके उलट मिड और स्मॉलकैप शेयरों में मूल्यांकन की चिंता के कारण मुनाफावसूली हुई।
अभी वित्तीय और उपभोग से जुड़े शेयर जोर पकड़ रहे हैं जिन्हें सुधरी हुई बैलेंस शीट, जीडीपी में मजबूत वृद्धि के अनुमान और महंगाई में नरमी से सहारा मिला है। वैश्विक बाजार का सेंटिमेंट भी ऐसा ही रहा और जल्द ब्याज कटौती की उम्मीद पर सब एकमत हैं।
बेहतर आर्थिक संकेतकों ने भी मनोबल को मजबूती दी क्योंकि इस हफ्ते जारी चालू खाते के आंकड़े बताते हैं कि भारत ने 10 तिमाहियों में पहली बार चालू खाते में सरप्लस दर्ज किया है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि चुनिंदा दिग्गज इंडेक्स को ऊपर ले जा रहे हैं और रिलायंस बड़ा असर डाल रहा है। जून के डेरिवेटिव अनुबंध की एक्सपायरी के कारण गुरुवार को हमें उतारचढ़ाव की आशंका है। बावजूद हम गिरावट में खरीदारी की अपनी रणनीति फिर दोहरा रहे हैं और शेयर चयन के लिए विशिष्ट क्षेत्र और थीम पर ध्यान दे रहे हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि खुदरा व संस्थागत निवेशकों का समर्थन जारी रहेगा। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिलाजुला रहा और 1,960 शेयर गिरे जबकि 1,922 में बढ़ोतरी हुई। आने वाले समय में आम बजट और नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे।